भाजपा से निष्कासित उन्नाव विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को सुप्रीम कोर्ट की विशेष अदालत ने शुक्रवार को उम्र कैद की सजा सुनाई हैं। उन्हें उन्नाव में एक महिला से सामूहिक दुष्कर्म करने का आरोपित मानते हुए और जान लेवा हमले के विभिन्न धाराओं में आरोपी बनाया गया हैं।
उन पर आीपीसी की धारा 376 और फाक्सो एक्ट की धारा 5(सी) के तहत उम्र कैद की सजा सुनाया गया हैं। और 25लाख रुपये का अर्थ दण्ड देने को कहा गया हैं।
जैसे ही कोर्ट का फैसला आया तो लोगों ने सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों से प्रतिक्रिया देना शुरु कर दिया। लोगों ने लिखा की कुलदीप सेंगर को उम्र कैद नहीं फांसी की सजा दी जाये। कई लोगों ने पोस्ट में लिखा की उम्र कैद क्यों ?फांसी क्यों नहीं?
एक पोस्ट में लिखा गया, ‘कुलदीप सिंह सेंगर को फांसी पर लटका दो’ जबकि एक अन्य ने लिखा, ‘मैं सेंगर के लिए मृत्युदंड की मांग करता हूं
इस तरह लोगों सोशल मीडिया पर अदालत द्वारा आये फैसले पर प्रतिक्रिया दे कर फांसी का मांग कर रहे है।
उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के बांगरमऊ से 2017 विधानसभा चुनाव जीत कर विधायक बने कुलदीप सिंह सेंगर और उसके भाईयों पर 11से 20जून 2017 के बीच एक महिला ने सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाया।
जब मामला ने तुल पकड़ा तो आरोपियों पर मामला दर्ज कर जांच एसआईटी को सौंपी गई। एसआईटी ने सही जांच करने में असफल रहने के बाद जांच सीबीआई को 2018 में सौपी गई ।
सीबीआई ने जांच में यह पाया की महिला के साथ विधायक कुलदीम सिंह सेंगर और उसके भाईयों ने सामूहिक दुष्कर्म को अंजाम दिया हैं। जांच के बाद विधायक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
जुलाई 2019 में पीड़िता अपने परिवार और वकील के साथ लखनऊ जाते समय सेंगर के गुण्डों ने सड़क दुर्घटना में मारने की कोशिश की लेकिन नाकाम रहे । सड़क दुर्घटना में पीड़ित महिला बुरी तरह जख्मी हो गई। जिसके बाद से उसका इलाज चल रहा था लेकिन अभी हालिही में उसने दम तोड़ दिया ।