राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के दो दिग्गजों के बीच वर्चस्व को लेकर मचा सियासी घमासान का अंत आज सोमवार को देखने को मिला जब कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी से सचिव पायलट और उनके समर्थित 18 विधायकों ने मुलाकात की।बताया जा रहा हैं कि सचिन पायलट और उनके 18 विधायकों की कांग्रेस में वापसि बिना किसी सर्थ के हुई हैं।ऐसे में अब पार्टी के सामने एक और मुश्किल खड़ी हो गई कि अशोक गहलोत सचिन पायलट की वापसि को लेकर क्या रुख अखतीयर करते हैं। यह कांग्रेस पार्टी के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती होगी। सूत्रों के अनुसार पार्टी आलाकमान अब 14 अगस्त को विधानसभा सत्र से पहले गहलोत को मनाने में जुटा है। वहीं, बीजेपी भी प्रस्तावित विधानसभा सत्र को लेकर विप जारी करने जा रही है।
पायलट की वापसि को लेकर पार्टी में दो तरह की चर्चा
राजनीतिक हलको में पायलट की कांग्रेस में वापसी को लेकर कई तरह की चर्चा हैं। एक तबका कह रहा है कि पूरे देश में किरकिरी कराने वाले और अपनी ही सरकार के खिलाफ साजिश रचने वाले बागियों की पार्टी में वापसी शर्मनाक है। इसे सरकार बचाने के लिए पार्टी स्तर पर बड़ा समझौता भी कहा जा रहा है। वहीं दूसरा तबका इसे पायलट की जीत और अशोक गहलोत की हार के रूप में देख रहा है। पिछले 1 महीने में पायलट के खिलाफ कड़वे बोल और गंभीर आरोप लगाने वाले अशोक गहलोत अब पार्टी में उनकी वापसी को कैसे लेंगे? यह भी देखने वाली बात होगी।