कानपुर शुटआउट में यूपी पुलिस के 8 जवानों की हत्या करने वाला गैंगस्टर विकास दुबे को शुक्रवार को उज्जैन से गिरफ्तार कर लाते समय कानपुर की सीमा में गाड़ी पलट जाने के बाद उसमें सवार विकास दुबे वह यूपी पुलिस के चार घायल हो गये।घायल पुलिसकर्मियों का रिवाँल्वर लेकर भाग रहे विकास दुबे को पुलिसकर्मियों ने पिछा किया और आत्म समर्पण करने के लिए कहा लेकिन वह नहीं माना और पुलिस पर फायरिंग करने लगा पुलिस को भी जबावी कार्रवाई करनी पड़ी जबावी कार्रवाई में विकास दुबे के सीने और हाथ में गोलिया लगने से मौके पर ही उसकी मौत हो गई।पुलिस एनकाउंटर में विकास दुबे की मौत के बाद उसके गांव कानपुर के बिकरु व शिवली में जश्न का माहौल था लोगों का कहना कि आज एक नई सुबह हुई हैं।इस गांव के लोग विकास दुबे से इतना खौफ खाते थे कि उनका कहना है कि उन्हें आज नई आजादी मिली है.
बता दें कि गैंगस्टर विकास दुबे के गांव बिकरु एवं शिवली में आसपास के लोग उसके नाम से खौफ खाते थे किसी की भी उसके सामने बोलने और उसके विरुद्ध खड़ा होने की हिम्मद नहीं होती थी।आसपास में उसका आतंक इतना बढ़ गया था कि लोग ना तो रात को आ पाते और ना ही किसी काम से रात को अपने घर से कही जा सकते थे।यहा तक की किसान रात को खेती बाड़ी करने के लिए अपने खेतों पर उसके डर से नहीं जा पाते थे।शिवली गांव के रहने वाले और विकास दुबे के दोस्त लल्लन वाजपेयी बताते हैं कि विकास दुबे और मैं साथ-साथ प्लाट का काम करते थे प्लाट के किसी काम को लेकर दोनों में झगड़ा हो गया।इससे नाराज होकर विकास दुबे ने 2002 में मेरे घर पर बम और गोलियों से हमला करवाया जिसमें वह बालबाल बचे थे। विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद लल्लन वाजपेयी ने कहा कि सारा समाज, सारा क्षेत्र बहुत खुश है. यहां के लोगों को लग रहा है कि उन्हें एक नई आजादी मिली है. ‘विकास’ युग का अंत हो गया है, आतंक युग का अंत हो गया है और अब शांति के समय की शुरुआत हो गई है. लल्लन वाजपेयी ने अपने समर्थकों के बीच मिठाई बांटकर अपनी खुशी का इजहार किया.
इस घटना के बाद उनके बीच दुश्मनी की दीवार खड़ी हो गई. बता दें कि कानपुर देहात का शिवली कस्बा कभी विकास दुबे का आपराधिक गढ़ हुआ करता था. शिवली से ही विकास दुबे ने अपराध जगत में कदम रखा था.
सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पुलिसकर्मियों को माला पहना कर किया सम्मानित
विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद पुलिसकर्मियों का कानपुर शहर में सम्मान किया गया. लोगों ने उन्हें फूल की मालाएं पहनाईं और उनका स्वागत किया. लाला लाजपत राय अस्पताल के बाहर सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पुलिसकर्मियों को सम्मानित किया.