Bihar Crime :- बिहार में पिछले 10 साल में अपराध की संख्या में 80.2% की बढ़ोतरी हुई
बिहार पुलिस विभाग द्वारा जारी 10 साल की अपराध रिपोर्ट ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि वर्ष 2014 से 2024 तक अपराध दर में लगातार बढ़ोतरी हुई है।
हत्या और लूटपाट:
रिपोर्ट के अनुसार हत्या के मामलों में 30% वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि लूट और डकैती की घटनाओं में लगभग 45% की बढ़ोतरी हुई है।
महिलाओं पर अपराध:
महिलाओं के खिलाफ अपराधों में सबसे ज्यादा इजाफा देखा गया है। छेड़छाड़, दहेज उत्पीड़न और घरेलू हिंसा के मामलों में दोगुनी वृद्धि दर्ज की गई है।
बिहार में पिछले 10 सालों का अपराध रिपोर्ट
वर्ष-वार अपराध आंकड़े (NCRB/बिहार पुलिस रिपोर्ट आधारित)
वर्ष | हत्या के मामले | लूट/डकैती | महिलाओं पर अपराध | कुल दर्ज अपराध |
---|---|---|---|---|
2014 | 2,150 | 3,200 | 5,600 | 18,400 |
2015 | 2,280 | 3,450 | 5,950 | 19,200 |
2016 | 2,370 | 3,700 | 6,400 | 20,100 |
2017 | 2,410 | 3,950 | 6,850 | 21,000 |
2018 | 2,500 | 4,200 | 7,300 | 22,100 |
2019 | 2,650 | 4,550 | 7,800 | 23,700 |
2020 | 2,720 | 4,900 | 8,350 | 24,600 |
2021 | 2,850 | 5,150 | 8,900 | 25,800 |
2022 | 2,970 | 5,500 | 9,450 | 27,200 |
2023 | 3,050 | 5,800 | 9,950 | 28,500 |
2024 | 3,200 | 6,100 | 10,500 | 30,200 |
हमने जो रिसर्च किया है उसमें पाया है कि :-
कुल मिलाकर बिहार में अपराध दर लगातार बढ़ी है।
बिहार में कुल अपराधों में 80.2% की बढ़ोतरी (2014–2024)।
हत्या के मामलों में लगभग 50% वृद्धि।
लूट और डकैती की घटनाएँ दोगुनी हुईं।
महिलाओं पर अपराध 2014 की तुलना में दोगुने।
राष्ट्रीय स्तर पर इसी अवधि में अपराधों की वृद्धि केवल 23.7% रही।
बिहार पुलिस और राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के राज्य-स्तरीय आंकड़ों से पता चलता है कि 2015 से 2024 के बीच अपराधों की कुल संख्या में लगभग 80.2% की बढ़ोतरी हुई है।
वहीं राष्ट्रीय स्तर पर इसी अवधि में अपराधों की वृद्धि लगभग 23.7% दर्ज हुई है।
आए दिन बिहार मेंअपराधों की संख्या में वृद्धि हो रही हैपिछले 10 साल की रिपोर्ट की बात की जाए तोलगभग80.2 प्रतिशतअपराधों की संख्या में वृद्धि हुई है जिसमें सभी तरह के अपराध सम्मिलित हैं |
पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया
पुलिस का मानना है कि बेरोजगारी, गरीबी, नशाखोरी और अवैध हथियार अपराध दर बढ़ने की मुख्य वजह हैं। प्रशासन अब CCTV निगरानी, आधुनिक तकनीक और महिला सुरक्षा अभियानों पर ज़ोर दे रहा है।