बिहार चुनाव 2025: एनडीए में चिराग पासवान बने दलितों का बड़ा चेहरा, मांझी का घटा कद
बिहार चुनाव 2025: एनडीए में सीट शेयरिंग की घोषणा के बाद सियासी समीकरण तेजी से बदलते दिख रहे हैं। इस बार के बंटवारे में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान सबसे बड़े बार्गेनर बनकर उभरे हैं। उन्हें एनडीए में 29 सीटें मिली हैं, जबकि हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) प्रमुख जीतन राम मांझी की पार्टी को केवल 6 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा है।
2020 के विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान ने एनडीए से अलग होकर 135 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और केवल एक सीट जीत पाए थे। लेकिन उनके इस कदम से जेडीयू को करीब 30 सीटों का नुकसान हुआ था। मौजूदा सीट बंटवारे में उनकी बढ़ी हुई राजनीतिक अहमियत साफ झलकती है।
वहीं, जीतन राम मांझी की पार्टी इस बार सीटों में कटौती से नाराज है। 2020 में हम को 7 सीटें मिली थीं, जिनमें से 4 पर पार्टी ने जीत हासिल की थी। 2025 चुनावों के लिए मांझी ने कम से कम 15 सीटों की मांग की थी, लेकिन एनडीए ने उन्हें केवल 6 सीटें दीं। मांझी ने कहा, “आलाकमान का निर्णय शिरोधार्य है, लेकिन हमारे महत्व को कम आंका गया है। इसका असर एनडीए पर पड़ सकता है।”
एनडीए की सीट संरचना में इस बार भाजपा और जेडीयू दोनों 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को भी 6 सीटें दी गई हैं। जेडीयू, जो अब तक “बड़े भाई” की भूमिका में थी, इस बार भाजपा के बराबर सीटों पर लड़ेगी। इससे जाहिर होता है कि बिहार एनडीए में अब चिराग पासवान का कद बढ़ा है और दलित राजनीति में वे मुख्य चेहरा बनकर उभरे हैं।