मुजफ्फरपुर में बाढ़ के कहर से जनजीवन अस्त-व्यस्त

मुजफ्फरपुर में बाढ़ के कहर से हर एक गली मोहल्ला शहर सभी भी प्रभावित हो रहे हैं। बागमती, बूढ़ी गंडक, मनुषरामा ,लखनदेई नदी के बढ़ते पानी ने जनता को घर छोड़कर रहने पर मजबूर कर दिया है।                                                बूढ़ी गंडक अपने खतरे के निशान को पार कर 52.53 से 52.63 दिन तक पहुंच गई, तो उधर बागमती अपने उफान पर है ।बागमती लखनदेई नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है इससे प्रखंड क्षेत्र के 10 -15 गांव प्रभावित हो रहे हैं। बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है , इस बाढ़ से परेशानियां बहुत पड़ गई हैं।                       लोगों को खाने पीने रहने सब की परेशानियां हो रही हैं चारों तरफ पानी ही पानी है लेकिन प्यास बुझाने के लिए पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। सब घर पानी में डूब गए हैं लोग सड़क पर रहने के लिए मजबूर हो गए हैं ।वैसे तो सरकार की तरफ से खाने-पीने और रहने के उचित प्रबंध की गई है परंतु कर्मचारियों की लापरवाही के कारण आम जनता को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।                                                           बाढ़ में डूबकर सिकंदरपुर के अधिवक्ता अमर कुमार की मृत्यु हो गई उनका शव सोमवार को मिला।उनकी मृत्यु पर उनकेेे परिवार को 4 लाख का अनुदान का प्रस्ताव विभाग को भेजा गया है।  उनकी मृत्यु पर जिला के बाढ़ एसोसिएशन के अध्यक्ष अरविंद कुमार सिंह ,उपाध्यक्ष नवल किशोर सिन्हा  ने अफसोस जताया है।                                                                                  मिठनराय को बाढ़ पीड़ितों ने टेंट सिटी बना दिया है, लोग घर छोड़कर सड़क पर टेंंट बनाकर रहने पर मजबूूूूर हो गए हैं।

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