भारत-चीन के बीच लाइन आँफ एक्चुअल कंट्रोल LAC पर दोनों के बीच सोमवार को लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बैठक हुई जिसमें सहमति बनी की दोनों देशों की सेनाएं विवादित जगहों से हटकर पूर्व वाली स्थिति पर चले जाएंगे।इस बैठक का नेतृत्व भारत की तरफ से 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने किया जबकि चीनी पक्ष का नेतृत्व तिब्बत मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के कमांडर ने किया। LAC के दूसरी ओर चीन के हिस्से में मोल्डो इलाके में दोनों सेनाओं के अधिकारियों के बीच बैठक हुई। यह बैठक करीब 12 घंटे के बाद खत्म हुई। सूत्रों के अनुसार, सोमवार को हुई कोर कमांडर स्तर की मीटिंग सकारात्मक माहौल में हुई। बैठक में दोनों देशों के बीच तनाव कम करने पर सहमति बनी। तनाव वाले क्षेत्र से दोनों पक्ष सेना हटाने को लेकर सहमत थे। पूर्वी लद्दाख में जिन-जिन जगहों पर गतिरोध है वहां डिसइंगेजमेंट कैसे किया जाएगा इसकी प्रक्रिया पर बात हुई।
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बता दें कि गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ संघर्ष में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे जबकि चीन के 40 जवान मारे गए थे। इस घटना के बाद दोनों देशों के तनाव चरम पर पहुंच चुका है। बातचीत के दौरान भारत की ओर से साफ कह दिया गया है कि LAC में जैसी स्थिति 5 मई के पहले थी वैसे ही होनी चाहिए। यानी कि भारत की ओर से साफ-साफ शब्दों में कह दिया है कि चीन अपनी सीमा पर वापस लौटे। दोनों पक्षों के बीच उसी जगह पर छह जून को लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की पहले दौर की बातचीत हुई थी, जिसके दौरान दोनों पक्षों ने गतिरोध दूर करने के लिए एक समझौते को अंतिम रूप दिया था। हालांकि, 15 जून को हुई हिंसक झड़पों के बाद सीमा पर स्थिति बिगड़ गई, क्योंकि दोनों पक्षों ने 3,500-किलोमीटर की वास्तविक सीमा के पास अधिकांश क्षेत्रों में अपनी सैन्य तैनाती को काफी तेज कर दिया।
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चीन के धोखे के बाद भारत सतर्क
गलवान घाटी में चीन के धोखे के बाद भारत पूरी तरह से सतर्क हो गया है। लद्दाख से लेकर सिक्किम तक चीन की सीमा से लगने वाले LAC भारतीय सेना पूरी तरह से सतर्क है और चीन की किसी भी हिमाकत का जवाब देने के लिए उसे खुली छूट मिल चुकी है। भारत ने इन इलाकों में लड़ाकू विमानों से लेकर हैवी मशीनगनें तक तैनात कर दी है।