कल वर्ल्ड कप का फाइनल खिताब से पहले सबसे बड़ा मुकाबला खेला गया था। जो कि भारत बनाम पाकिस्तान था। उसमें एक खिलाड़ी जिसको अभी नया-नया चांस मिला था और फिर भी वह कमाल कर गया।ऐसा खिलाड़ी जो पहले सिर्फ आईपीएल में खेला करता था।
उसको हार्दिक पंड्या के ‘आज मैं करके आया हूं’वाला बयान के बाद टीम में शामिल किया गया और रौबिन उथपा के खराब प्रदर्शन के कारण उसको वर्ल्ड कप के 15 सदयीय टीम में शामिल किया गया और शिखर धवन के चोटिल होने के कारण उसको खेलने का मौका मिला।
वह अपने बैटिंग से कुछ खास कमाल तो ना कर पाया पर जब छठे ओवर की चौथी गेंद पर भुवनेश्वर कुमार को चोट लगा उसके बाद पांचवी गेंद कराने के लिए एक्स्ट्रा बॉलर के रूप में कप्तान विराट कोहली ने विजय शंकर का इस्तेमाल किया तो विजय शंकर अपने कैरियर के पहले वर्ल्ड कप के पहले बॉल पर विकेट लेकर आने वाले भविष्य के मैचों में टिकट बुक कर लिया है यह घटना एक तरह से यह साबित करता है कि भाग्य में अगर लिखा हो तो कुछ भी हो सकता है।
भाग्य, से भी कहीं बढ़कर अगर कोई चीज होती है तो वह हौसला, हौसला ही था कि विजय शंकर को बैटिंग और बाँलिंग के लिए प्रेरित करता रहा और आखिर उसको सफलता मिल गई जिसका उसे इंतजार था कल के मैच का अगर देखा जाए तो हीरो तो कोई और था विराट और रोहित शर्मा। पर अगर शंकर नहीं होते तो मैच का परिणाम या मैच का दृश्य और हो सकता था लेकिन कैप्टन विराट कोहली और टीम मैनेजमेंट का सही फैसला आज भारत को मैनचेस्टर में हुए इस खिताबी मुकाबले को जिताने में मदद किया।
आज तक WORLD CUP मे जीतने भी खेले गये है उसमे भारत का पलड़ा हमेशा भारी रहा है.भारत ने WORLD CUP मे अधिकांश के मैच मे पाकिस्तान को हराया है.