राजस्थान में संकट बरकरार,कांग्रेस आलाकमान ने पायलट की तीन मांगों में से दो पर सहमति ,एक को मानने से इंकार

Crisis in Rajasthan persists, Congress high command agrees to two out of three pilot demands, refuses to accept one

राजस्थान में कांग्रेस के डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बागी तेवर अपनाने से राजनीति संकट गहरा होता जा रहा है।उनको मनाने के लिए प्रियंकागांधी से लेकर राहुल गाँधी के अलावा कांग्रेस पार्टी के पांच दिग्गजों नेता लगे हुए हैं लेकिन अभी तक नहीं माने हैं।खबर आ रही हैं कि सचिन पायलट ने कांग्रेस आलाकमान के सामने तीन मांगे रखी हैं जिसमें से दो पर सहमति बनी लेकिन एक को मानने से इंकार कर दिया हैं।

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कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, सचिन पायलट की ओर से मांग रखी गई है कि उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाए और अविनाश पांडे को राजस्थान के प्रभारी पद से तुरंत हटाया जाए और उनके साथियों को मंत्रिमंडल में अहम जगह मिले। इनमें से दो मांगों को कांग्रेस मानने को तैयार है, लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर अभी भी मंथन जारी है।

आपको बता दें कि कांग्रेस आलाकमान की तरफ से सचिन पायलट को जयपुर में विधायक दल की बैठक में शामिल होने के लिए कहा गया लेकिन सचिन पायलट और उनके समर्थक इस बात पर राजी नहीं हुए।सचिन पायलट का कहना हैं कि अशोक गहलोत अल्पमत में हैं और उनके 30 विधायक मेरे समर्थक में हैं।वहीं अशोक गहलोत ने इस बात का खंडन करते हुए का हैं कि सरकार पूर्ण बहुमत में हैं और 109 विधायक के समर्थन का दावा किया हैं। ऐसे में कांग्रेस विधायक दल की बैठक में नेतृत्व में परिवर्तन पर कोई चर्चा नहीं हो रही है.

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साथ ही सचिन पायलट गुट की ओर से दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान ने उनसे बात नहीं की है, ना ही उनकी बातें सुनी जा रही हैं. सचिन पायलट गुट ने करीब 22 विधायकों के समर्थन की बात की है. लगातार कई विधायक और मंत्री सोशल मीडिया पर अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. इससे पहले भी सामने आया था कि सचिन पायलट की ओर से अपने समर्थकों के लिए गृह और वित्त मंत्रालय मांगा गया है.

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