2अस्पतालों के बीच मौत की रिपोर्ट फंसी आइए जाने क्या हुआ

  • 2 अस्पतालों के बीच मौत की रिपोर्ट फंसी आइए जाने क्या हुआ

चमकी बुख़ार से बहुत सारे बच्चों की मौत होते जा रही है। सरकार ने उनके परिवार वालों को तो मुआवजा दे दिया है ।लेकिन अस्पतालों के ख़िलाफ 1 रिपोर्ट तैयार की जा रही है ,क्यूंकि कोई भी अस्पताल में ठीक से बच्चों का देखभाल नहीं किया जा रहा है और ना ही कोई अच्छा से इलाज दिया जा रहा है।परिवार वालो को मुआवजे लेने के लिए किस किस आधार पे गुजरना पड़ रहा है ये तो वही लोग जानते हैं ।ये मुआवजा 1 तरह का उनके लिए सौदा है वह अपने 1 परिवार वाले को खो रहे हैं और उसके बदले उनको मुआवजा मिल रहा है । यह मुआवजा लेने में उन्हें बहुत दुख हो रहा क्युकी उनके परिवार का आदमी उनसे बहुत दूर चला गया ।इतना दूर कि वह चाह के भी नहीं मिल सकते है ।वो आदमी चाहकर भी इनके पास नहीं आ सकता है।लोगों ने यह भी बोला है कि सरकार को इन दोनो अस्पताल के प्रति कारवाइ करनी चाहिए। उनको सज़ा दी जाए उनके ऊपर कुछ रिपोर्ट बनाई जाए जिससे कि वो किसी की जान न ले सके।देखा जाए तो चमकी बुख़ार से रोज अनगिनत बच्चे मर रहे हैं। जितने लोग केजरीवाल अस्पताल में जा रहे हैं उनको अच्छा रिपोर्ट नहीं मिल पा रहा है। वहां भी उनका अच्छा ख्याल नहीं रखा जा रहा है। केजरीवाल में जो भी मरीज आते हैं वहां के डाक्टर बिना उनका जाँच देखे उन्हें निजी अस्पताल में भेज देते हैं ।उन्हें दूसरे अस्पताल के लिए रेफर कर देते हैं ।चाहे जितना भी गरीबों का खर्च हो गया। एक आदमी ने अपने बेटे जिनका नाम अमन कुमार है वे जूल्न छपरा निजी हॉस्पिटल में आए।पर पहले तोे वह केजरीवाल में गए कुछ दिन बादं उनको दूसरे हस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया बिना कोई कारण बताए। फिर जब वह दूसरे हॉस्पिटल में आए, तब तक मे उनके बेटे ने दम तोड लिया। फिर जब परिवार वालो ने केजरीवाल में जाकर डेथ सर्टिफिकेट मांगा तो  उन्होंने नहीं दिया और बोल दिया कि आपका बेटा पहले ही मर गया था। फिर उस के परिवार वालो ने मुख्यमंत्री ने सहयोग से हंगामा करना शुरू कर दिया। तब जाकर डियम आलोक रंजन घोष की जांच का आदेश बोचहां बीडीओ को दिया।

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