घबराये नहीं समझे,कि आपको कोरोनावायरस के लक्षण हैं या फ्लू के

COVID-19 नामक ये वही कोरोनावायरस से जिसकी वजह से आज पुरी दुनिया इस वायरस की चपेट में हैं।अभी तक लगभग 20 लाख हजार लोग इस खतरना बीमारी से चपेट में आ चुके हैं और चार हजार लोगों को इस वायरस से जान गवा चुके हैं।यह तो पता है कि यह वायरस खतरना तरह का इंफेक्शन फैला रहा हैं।लेकिन इसके पीछे यह मिथक धारणा लोगों के बीच फैलने से यह घबराहट बढ़ रही हैं कि कोरोनावायरस और फ्लू के बीच फर्क को कैसे समझे?

दुनियाभर में कोहराम मचा रहे कोरोना वायरस के इंफेक्शन के शुरुआती लक्षण खांसी, ज़ुकाम और तेज़ बुखार हैं जो फ्लू इंफेक्शन के भी लक्षण हैं। इसलिए, घबराहट भरी जानकारी और व्हाट्सएप के फॉरवर्डेड मैसेज के बीच ये समझना बेहद मुश्किल हो जाता है कि आपको फ्लू के लक्षण हैं या फिर कोरोना वायरस के।

COVID-19 और फ्लू, दोनों ही वायरल इंफेक्शन हैं और एक इंसान से दूसरे में फैल सकते हैं। ये वायरल इंफेक्शन अक्सर खांसने और छींकने से फैलते हैं। WHO के अनुसार, दोनों COVID-19 और फ्लू, फैलने वाले वायरस हैं। इनकी वजह से सांस की बीमारी से लेकर मतली, सांस लेने में तकलीफ, कंजेशन, बुखार जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। अगर इसका इलाज समय से शुरू न हो तो ये निमोनिया में भी तबदील हो जाता है।   

क्या है फर्क

हालांकि, कोरोना वायरस और फ्लू के लक्षण देखने में एक जैसे लगते हैं, लेकिन ये दो अलग वायरस के परिवार से आते हैं। COVID-19, एक नोवेल कोरोनवायरस है, जिसके बारे में साल 2019 में पता चला, जो पहले कभी भी मनुष्यों में नहीं देखा गया था। वहीं, इंफ्लूएंज़ा वायरस यानी फ्लू के बारे में कई साल पहले पता चल गया था। विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना वायरस इंफ्लूएंज़ा और दूसरे ऐसे ही वायरस की तुलना में कई तेज़ी से फैलता है।

कफ और कोल्ड के साथ तेज़ बुखार, बुरी तरह थकावट, पूरे शरीर में दर्द और ठंड लगना कॉमन फ्लू के लक्षण हैं। यही वजह है कि कोरोना वायरस के शुरुआती लक्षण और फ्लू के बीच अंतर को बताना मुश्किल है। सिर्फ टेस्ट की मदद से ही पता लगाया जा सकता है कि लक्षण कोरोना वायरस के हैं या फिर फ्लू के।

हालांकि, वास्तव में फर्क इस बात से पड़ता है कि इसके लक्षण को सामने आने में कितना समय लगता है। जब आप फ्लू के वायरस के चपेट में आते हैं तो लक्षण 2 से 3 दिनों में नज़र आने लगते हैं, जबकि कोरोना वायरस के लक्षणों में 2 से 14 दिन का समय लग सकता है।

क्या है ज़्यादा ख़तरनाक फ्लू या कोरोना वायरस?

एक तरफ डॉक्टर्स और वैज्ञानिक नोवेल कोरोना वायरस के बारे में अभी भी रिसर्च कर रहे हैं, वहीं फ्लू अब भी दुनिया में सबसे बड़े स्वास्थ्य जोखिमों में से एक है। इसके इलाज के तरीकों में भी काफी फर्क होता है। एक तरफ जहां फ्लू के वैक्सीन और दवाइयां उपलब्ध हैं, वहीं कोरोना वायरस का अभी तक कोई इलाज नहीं है।

 

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