सभी को कभी न कभी एक बार सिरदर्द का अनुभव होता है. सिरदर्द होने पर चेहरे या खोपड़ी के एक हिस्से में दर्द महसूस कर सकते हैं, इसमें पूरा सिर शामिल हो सकता है. लेकिन इस दर्द का कारण, अवधि और तीव्रता सिरदर्द के प्रकार के अनुसार अलग हो सकती है से जुड़े एम्स के जुड़े डॉ. केएम नाधीर का कहना है कि यह दर्द सिर में सनसनी पैदा करने वाले तेज दर्द (Pain) या हल्के दर्द के रूप में हो सकते हैं. सिरदर्द धीरे-धीरे या अचानक पैदा हो सकता है और घंटेभर से लेकर कई दिनों तक रह सकता है. सिरदर्द एक तरह का नहीं होता है. विभिन्न प्रकार के सिरदर्द हैं, लेकिन जानिए सामान्य प्रकार के सिरदर्द जो कि आमतौर पर लोगों को परेशान करते हैं. सभी सिरदर्द के लिए डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं होती है, लेकिन कभी-कभी सिरदर्द एक गंभीर विकार की चेतावनी देते हैं.
तनाव से जुड़ा सिरदर्द -सिरदर्द के सबसे आम प्रकार तनाव यानी टेंशन के कारण होने वाला सिरदर्द है. तनाव से होने वाले सिरदर्द गर्दन, कंधों, खोपड़ी और जबड़े की मांसपेशियों के तंग होने की वजह से होते हैज्यादातर लोग ऐसे दर्द में राहत के लिए जीवनशैली में बदलाव कर, आराम कर और दर्द निवारक लेकर बेहतर महसूस करते हैं.
माइग्रेन सिरदर्द का दूसरे सबसे सामान्य प्रकार है माइग्रेन जो कि कुछ घंटों से लेकर दो से तीन दिन तक रह सकता है.
क्लस्टर सिरदर्द -यह एक दुर्लभ सिरदर्द है, लेकिन माइग्रेन की तुलना में अधिक दर्दनाक होता है. इससे महिलाओं की तुलना में पुरुष ज्यादा प्रभावित होते हैं. क्लस्टर सिरदर्द चेन स्मोकर्स के बीच अधिक आम है.
साइनस सिरदर्द
डॉ. आयुष पांडे का कहना है कि साइनस यानी साइनोसाइटिस एक नाक संबंधी रोग है, जिसके कारण व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत होती है. साथ ही चेहरे की मांसपेशियों में भी दर्द शुरू हो जाता है. साइनस के कारणों में बैक्टीरिया, फंगल, एलर्जी, नाक की हड्डी बढ़ना, अस्थमा आदि शामिल हैं. साइनस में सूजन या संक्रमण के कारण चेहरे, माथे और आंखों के पीछे दबाव और सूजन महसूस की जाती है.