आदमी बच्चे का पिता है। एक आदमी अपने जीवन में एक बच्चा होने के बाद और अधिक जिम्मेदार व्यक्ति बन जाता है.। वह अपने व्यवहार, उनके लक्षण के बारे में और अधिक जागरूक रूप में वह अपने बच्चे के लिए एक अच्छी परवरिश के लिए उत्तरदायी होता है। एक आदमी अपनी आदतों और व्यवहार बचपन में ही विकसित कर लेता है । माता-पिता, उसे एक अच्छा आदमी बना सकते हैं उसे अच्छे संस्कार देने के लिए प्रयास करते है.।
बच्चे को माता पिता ही अच्छा siksha और संस्कार दे सकता है । बाहरी ज्ञान तो बाहर से मिल जाते है.लेकिन घर का ज्ञान नही मिल पता है. माता पिता आपने कम में इतने व्यस्त हो जाते है कि घर को और बच्चे भूल जाते हैं कि कैसे जीवन जीना है उनको.।
यहाँ 6 महत्वपूर्ण बिन्दु है जो एक पिता अपने बच्चे से सीख सकते हैं।
1. तनाव के बिना सक्रिय जीवन
2. उचित नींद
3. प्रकृति और परिवेश के प्रति संवेदनशील
4. जीवन के लिए उत्साह
5. दूसरों की प्रतिक्रियाओं के बारे में कम देखभाल
6. आसानी से माफ
तो अपने बच्चे को हल्के से नहीं लेते। वे सबसे सुंदर और भगवान के बुद्धिमान निर्माण कर रहे हैं। हम उन लोगों से एक छोटी सी सीख सकते हैं, तो हम इस दुनिया को और अधिक सुंदर बना सकते हैं।
माता पिता को हमेशा बच्चे का ध्यान रखना चाहिए . केवल स्टडी के ध्यान ही माता पिता का कर्तव्या न्ही है. बच्चे क्या खाते है,क्या पीते है, कब खेलते है इस सभी बतो का ध्यान रखना माता पिता का कर्तव्या बनता है. माता पिता का यह ज़िमेड़वारी भी है.
बच्चे के सही समय होता है खेलने का. बच्चा जिस क्षेत्र मे अपना दिलचस्पी दिखा रहा है उस क्षेत्र मे उस को डालना चाहिए. क्योकि बच्चा उस क्षेत्र मे अपना नाम रौशन कर सकता है.
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