चमकी बुखार से लगातार अभी 3 बच्चे मर चुके मनीष कुमार जो है चकिया से जो कि 10 साल है,पवन कुमार सीतामढ़ी से 6 साल के और, रितु कुमारी जो है छपरा से12 साल की देखा जाए तो अभी लगातार बच्चे चमकी बुखार से मर रहे हैं,पर अभिभावक लोग कुछ नहीं कर रहे है,हाथ पे हाथ लेकर बैठे हैं, और इस सब का तमाशा देख रहे हैं। कुछ दिन पहले नितिश कुमार ने बोले कि वह गरीबों की मदद करेंगे उनका खर्चा उठाएंगे ,पर जब पैसा देंगे कि बारी आई तो पीछे हत गये ,अब बोलते है कि बच्चों का मरना तो आम बात है,जो आया है सो जाएगा ही, बच्चों के माता-पिता बच्चों को ले ले कर यहां से वहा जा रहे हैं,एक आश पे कही उनका बच्चा ठीक हो जाए, उनका कम से कम 1 दिन में 20 से 30000 हजार रुपये पानी की तरह बहते जा रहे है,पर अभिभावक लोग कुछ भी नहीं कर रहे है। अभी तक कहा गया है कि 200 बच्चों की मौत हो चुकी है ,जबकि अभी तक 700 से ऊपर की हो चुकी है ।तीन से चार बच्चन लगातार रोज मरते जा रहा है। इलेक्शन के समय नेता लोग बरी बरी बाते करते है पर काम के समय सब पीछे हठ जाते हैं। अगर वैसा चलता रहा तो हमें सब पे से विश्वास उठ जाएगा और ऐसा दिन आएगा जब सब वोट देंगे से पहले 10 वार सोचेगा।