एसकेएमसीएच मे लगातार तीन बच्चो ने अपना दम तोरा।

एसकेएमसीएच मे लगातार तीन बच्चो ने अपना दम तोरा।

  • एसकेएमसीएच के आईसीयू मे तीन बच्चो ने बेदर्दी से गुरुवार की सुबह अपना दम तोरा। कहा जा रहा है कि, 2 बच्चो को निमोनिया था,इस कारण वह बच्चे सहन नहीं कर पाए ओर मर गए, मगर तीसरे की बिमारी का अभी पुरी तरह से पता नहीं  लग पा  रहा है। तिनो में से एक बच्ची  रूलाही गाव की है जिसका नाम संध्या कुमारी हैं, जिनकी उम्र 9 साल है।दूसरी बच्ची जो की गरहिया गाव  के पास जो  मधुबन थाना है वही की एक बच्ची है  अर्चना कुमारी जो की 12 साल की है, और एक बच्चा जिसका नाम साजन कुमार है वह मुजफ्फरपुरके एक  छोटे से गाँव अहियापुर से है। उनकी उम्र 8 साल है। लोगो ने ये बताया हैं कि इनके परिवार वालो ने इन बच्चो को समस्तीपुर के एक छोटे से हस्पताल  मे भर्ती किया गया था।लोगो से ये भी पता चल रहा है कि  इस साल लगभग एईएस से 195 से भी ज्यादा  बच्चो की मौत हो रही  है,जबकी अभी तक लगभग इतने  586 बच्चो का मामले सामने आ रहा हैं।लोगो का यह भी कहना है कि हस्पताल में ज्यादा पैसा लेके भी इलाज अच्छे से नहीं हो पा रहा है।जितने भी अभिभावक लोग हैं वह कुछ नहीं कर रहे हैं इस मुद्दे पर। हर दिन कम से कम 3,या3 से अधिक बच्चे मरते जा रहे हैं, पर फिर भी अभिभावक लोग कुछ भी सुनने के लिए तैयार नहीं है। अब तो हस्पताल में ओर बच्चो के लिए जगह भी नहीं मिल पा रहा है,उनहे भर्ती करने के लिए। पता नहीं ये कब तब चलता रहेगा, बच्चे यूँही मरते रहेंगे। ये सब कही न कही उस प्रदाथ के कारण हो रहा है, जिसेको हम अपने भोजन के रूप में रोज इस्तेमाल करते हैं, junks food सायद सबसे बड़ा बीमारी का घर यही है,।अगर सब बच्चे इसे बहुत कम खाए तो सायद कभी बीमार ही ना परे।

     

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