बिहार मुजफ्फरपुर:- कहने के लिए तो बिहार में सुशासन का प्रशासन है लेकिन बिहार में प्रशासन नाम की कोई चीज नहीं है आए दिन तरह तरह की घटनाएं बिहार में घट रही है लेकिन सुशासन बाबू कुछ भी नहीं बोल रहे हैं आपको हम बताते चलें कि मुकदमा दर्ज होने के 5 महीने बाद मुजफ्फरपुर टाउन डीएसपी मुकुल रंजन ने मुकदमा से धारा 307 और 27 आर्म्स एक्ट हटा दिया बिना कुछ बताए हुए
2018 अक्टूबर में बिहार मुजफ्फरपुर के ग्यासपुर पंचायत के संजय साह अपने ऊपर हुए हमले के विरोध में थाने में मुकदमा दर्ज कराया था इस हमले में संजय शाह के ऊपर जानलेवा हमला हुआ था वह बाल-बाल बच गए थे रिवल्बर का स्टीगर अपराधी ने दबा दिया लेकिन गोली फस गया रिवल्बर में जिससे संजय शाह की जान बच गई उस समय संजय साह बाजार में अपने पत्नी के साथ थे
संजय साह मुकदमा करने के लिए थाने में गए थे तो थानेदार ने मुकदमा दर्ज नहीं किया और बोला था कि तुम किससे पंगा ले रहे हो उसके बाद संजय शाह को लगातार धमकी भरा कॉल आने लगे और उन पर दबाव बनाया गया कि मुकदमा को वापस लिया
जाएं परंतु संजय ऐसा ने वापस नहीं लिया
आज से 1 महीने पहले इस मुकदमा से धारा 307 और 27 आर्म्स एक्ट हटा दिया गया. मुजफ्फरपुर टाउन डीएसपी ने राजनीतिक दबाव के कारण यह इस मुकदमा से धारा हटाया है ऐसा संजय शाह का कहना है संजय शाह ने जब इसके बारे में डीएसपी से बात किया तो डीएसपी ने कहा कि ऊपर से हमें ऑर्डर मिला है कि धारा 307 और 27 आर्म्स एक्ट को हटा दो
इतने संगीन मामला होने के बाद भी अभी तक भुमाफिया अभयुक्त मनीष कुमार एवं निरज प्रकाश की अभी तक गिरफदारी नही की गई ।
अब आप ही बताएं कि यह किस तरह का सुशासन व्यवस्था बिहार में नीतीश बाबू का चल रहा है इसे हम सुशासन नहीं बोल सकते हैं यह कुशासन व्यवस्था है