एक ऐसी शख्सियत जिनकी कमी वैशाली जिला के लोगो को आज भी खल रही है: “स्वर्गीय डॉक्टर उमेश कुमार सिंह”

 

यूं तो इस पावन धरा पर ईश्वर अनेक अद्वितीय विभूतियों का सृजन करता है। सब में कोई न कोई विशिष्ट गुण जरुर देता है. पर उनमेसे कुछ ऐसी महान शख्सियत भी जन्म लेती है जिनकी प्रतिभा बहु-आयामी होती है। ऐसे लोग मौके की तलाश में रहते है. और अवसर मिलने पर अपने हुनर से महान होने का गौरव पाते है।

स्वर्गीय डॉ. उमेश कुमार सिंह ऐसी ही प्रतिभा के घनी थे।  उन्होंने चिकित्सा जगत और कला जगत में अपनी प्रतिभा का भरपूर परचम दिखाया था। डॉ. उमेश कुमार सिंह को जुलाई, सन 2014 में हाजीपुर एवं वैशाली जिले के लोगो ने खो दिया था, तब से लेकर आज तक उनके जैसी शख्सियत और उनकी कमी को कोई भी भरपाई नहीं कर पाया। उनकी गणना उस समय के प्रतिष्ठित डॉक्टरों में होती थी। डॉ. साहब अक्सर कहते रहते थे की “हम तुम्हें याद आएंगे” और आज यह बात सही साबित हो रही है| ऐसे महान चिकित्सक को लोग आज भी नहीं भूले है।

आज के दौर में ड़ोक्टरी एक बिज़नस बन चूका है। दिन भर दिन डॉक्टरो की संख्या ज़्यादा होने लगी है और कम्पटीशन इतनी ज्यादा बढ़ गई है की सभी जगहों पर सेवा करने की सोच आजकल कोई नहीं रखता है एवं अपने काम को अपना धर्म समजकर कार्य करने की वृत्ति किसी में नहीं दिखती। लेकिन डॉ. उमेश कुमार सिंह ने अपने काम को हंमेशा अपना धर्म और प्रोफ़ेशन मानकर गरीबों की सेवा की है।

डॉ. के समाजवादी एवं स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय पिताश्री श्रीराम देव सिंह ने उन्हें कभी भी अपने सिद्धांतो के साथ समजोता करना नहीं सिखया था. और उसी के परिणाम स्वरुप डॉ. उमेश कुमार सिंह एक बड़े और उमदा किसम के व्यक्ति बन पाए। Science के विद्यार्थी होने के साथ साथ वे कला प्रेमी भी थे। कविता और कहानी लेखन वो अच्छी तरह से करते थे उपरांत सिनेमा और रंगमंच के क्षेत्र में भी उनका अच्छा जुकाव रहा है। उनकी फिल्म “हम तुम्हें याद आएंगे” में उनके निर्देशन के साथ साथ उन्होंने अभिनय भी किया था।

डॉ.उमेश कुमार सिंह सामाजिक कार्यो में भी पीछे नहीं रहे. जनसेवा कार्यो में उन्होंने आगे बढ़कर सेवा और दान दिया है। उन्होंने दरभंगा मेडिकल कॉलेज में MBBS और MD का अभ्यास किया. फिर नालंदा मेडिकल कॉलेज में Medicine Department के विभागाध्यक्ष पर काफी लम्बे समय तक अपनी सेवा देने के बाद निवृत्त हुए।

 

कहते है की हर आदमी की सफलता के पीछे एक स्त्री का हाथ होता है वैसे ही डॉ. की सफलता में उनकी माता श्रीकमला देवी, जो स्वयं एक स्वतंत्रा सेनानी रही हैं तथा उनकी स्वर्गीय पत्नी श्रीमती जयश्री सिंह की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है| माता-पिता के संमान में उनकी सुपुत्री डॉक्टर मधुश्री सिंह ने जयश्री मेमोरियल डेंटल नामक क्लिनिक पटना सिटी में शुरू किया है एवं सुपुत्री डॉ. देवाश्री सिंह और डॉ. रुपाश्री सिंह ने कहा है की जल्द ही डॉक्टर साहब को श्रद्धांजलि के रूप में हाजीपुर में Multi-Speciality Hospital खोला जायेगा। जिसका निर्माण कार्य बहुत ही जल्द शुरू होने वाला है|

 

डॉ.उमेश कुमार सिंह जैसी महान और उंचे दर्जे की शख्सियत को Apna News सलाम करती है। ऐसे लोगो के कार्यो और उनकी सिद्धियों को जनता से सामने लाकर Apna News प्रेरणास्रोत का काम कर रही है.

About The Author

Related posts

Leave a Reply