गैंगस्टर विकास दुबे एनकाउंटर की मौजूदा सुप्रीम कोर्ट जज से न्यायिक जांच करने की प्रियंका गांधी ने की मांग

कानपुर में यूपी पुलिस के 8 जवानों की गोलियों से हत्या कर फरार गैंगस्टर विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में महाकाल के मंदिर परिसर से उज्जैन पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तरा कर लिया थ।उसके बाद पहुंची यूपी पुलिस को उज्जैन पुलिस ने हैंडओवर कर दिया।यूपी पुलिस विकास दुबे को सड़क मार्ग से लेकर कानपुर के लिए रवाना हुई तो आज सुबह 6 बजे कानपुर पहुंचते ही जिसमें विकास दुबे और यूपी की एसटीएफ बैठी थी वह कार अचानक सड़क पर पलट गई कार पलटने के बाद उसमें सवार विकास दुबे पुलिस की पिस्टल लेकर भागने लगा विकास दुबे को एसटीएफ ने आत्म समर्पण करने को कहा लेकिन विकास दुबे समर्पण की बजाये पुलिस पर फायरिंग करने लगा जिसके जबाव में एसटीएफ ने भी फायरिंग करना शुरु कर दिया एसटीएफ के इस फायरिंग में तीन गोली विकास के सीने में और एक गोली उसके हाथ में लगी।एसटीएफ द्वारा किया गया इस एनकाउंटर में गैंगस्टर विकास दुबे मारा गया।

इस एनकाउंटर को लेकर उत्तर प्रदेश कांग्रेस पार्टी के महा सचिव प्रियंका गांधी ने आलोचना करते हुए एक टीवट जारी किया जिसमें उन्होंने सरकार से मांग की हैं कि विकास दुबे एनकाउंटर की न्यायिक जांच वर्तमान सुप्रीम कोर्ट के जज से कराया जाये।

कांग्रेस पार्टी की ओर से विकास दुबे एनकाउंटर मामले में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर हमला तेज कर दिया गया है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ट्वीट के बाद अब प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक वीडियो संदेश जारी किया है. प्रियंका ने मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जज से पूरे कांड की न्यायिक जांच होनी चाहिए. प्रियंका ने ट्वीट में लिखा कि उप्र की कानून-व्यवस्था बदतर हो चुकी है. राजनेता-अपराधी गठजोड़ प्रदेश पर हावी है. कानपुर कांड में इस गठजोड़ की सांठगांठ खुलकर सामने आई. कौन-कौन लोग इस तरह के अपराधी की परवरिश में शामिल हैं- ये सच सामने आना चाहिए.

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि इस स्थिति में विकास दुबे जैसे अपराधी फल-फूल रहे हैं, ऐसे लोगों को संरक्षण सत्ता में बैठे लोगों से होता है. प्रियंका ने कहा कि विकास के एनकाउंटर के बाद शहीदों के परिवार को कैसे न्याय से भरोसा दिला सकते हैं.

कांग्रेस की ओर से लगातार आरोप लगाया जा रहा है कि विकास दुबे का एनकाउंटर इसलिए कर दिया गया, क्योंकि वो पूछताछ में कई राज खोल सकता था. इनमें राजनीतिक लोगों और पुलिस के लोगों का नाम सामने आ सकता था. इससे पहले भी विकास दुबे का साथ देने वाले पुलिसवालों को अरेस्ट किया जा चुका है.

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