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अपने ही पार्टी के विरुद्ध बागी तेवर अपना कर सरकार को संकट में डालने वाले राजस्थान के डिप्टी सीएम सचिन पायलट को कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पायलट को उपमुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने का ऐलान किया और कहा कि कि सचिन पायलट को 26 साल की उम्र में सांसद, 32 साल की उम्र में केंद्रीय मंत्री, 34 साल की उम्र में प्रदेश अध्यक्ष और 40 साल की उम्र में उपमुख्यमंत्री बनाकर बहुत कम उम्र में राजनीतिक ताकत दी गई. सुरजेवाला ने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के विशेष आशीर्वाद के कारण उन पर इतनी कृपा संभव हुई. ऐसे में पायलट का कांग्रेस की सरकार गिराने की साजिश में शामिल होना बहुत ही दुख की बात है.
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उन्होंने आगे बताया कि पायलट उन विधायकों और मंत्रियों का भी समर्थन खो दिया हैं जो उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे थे। पायलट खेमे के दानिश अबरार और रामनारायण मीणा समेत छह विधायक गहलोत की बैठक में शामिल हुए हैं. इसके अलावा जो 22 विधायक सचिन पायलट के साथ हैं, उनके बारे में भी ये कहा जा रहा है कि अगर सचिन पायलट बीजेपी के पास जाते हैं तो करीब 10 विधायक ऐसे हैं जो इसके लिए तैयार नहीं होंगे. ये विधायक सचिन पायलट के प्रति वफादार जरूर हैं लेकिन बीजेपी में वो उनके साथ जाने को राजी नहीं है. हालांकि, पायलट ने खुद भी बीजेपी में जाने से इनकार किया है.
सिर्फ ये दो पद ही नहीं जिसका नुकसान सचिन पायलट को हुआ है. पायलट के प्रति गांधी परिवार की जो नजदीकियां थीं, उसे भी चोट पहुंची है. कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा तीनों ही सचिन पायलट के काफी करीबी रहे हैं. सचिन पायलट पर गांधी परिवार की विशेष कृपा भी रही. मंगलवार को जब कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पायलट को उपमुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने का ऐलान किया तो उन्होंने भी इस बात का जिक्र किया.