कोरोना के बढ़ते कहर को देखते हुए,जेल से कैदियों को रिहा करें:सुप्रीम कोर्ट

Supreme court's big decision, only CBI will investigate Sushant suicide case

कोरोना जैसे महामारी से निपटने में सरकार का साथ देते हुए देश के शीर्ष कोर्ट ने कोरोना कोविड -19 के संक्रमण को रोकने के लिए जेल में बंद असंख्य कैदियों के भीड़ को कम करने के लिए उन्हें रिहा करने का आदेश दिया हैं जिससे जेल में इस संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा हैं कि राज्य अपने यहा जेल में बंद कैदियों को कोरोना के चलते कम से कम 7 साल की सजा प्राप्त कर चुके और छोटे अपराधों में विचाराधीन कैदियों को 6 सफ्ते के लिए परोल दे कर रिहा कर सकते हैं।

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सुप्रीम कोर्ट द्वारा कैदियों को कुछ समय के लिए परोल पर लिहा करने का आदेश सराहनीय हैं। कैदियों को जेलों से रिहा करने से तेजी से फैल रहा कोरोना वायरस के संक्रमण को रोका जा सकेगा क्योंकि यह एक ऐसा वायरस है जो एक -दुसरे के संपर्क में आने से फैता हैं। जब कोई एक -दुसरे से दुर रहेगा तो इस वायरस के बढ़ते प्रभाव को रोका जा सकेगा।सुप्रीम कोर्ट का यह कदम कोरोना वायरस को रोकने में मदद गार साबित हो सकता है।

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