चीन के वुहान शहर के मीट बाजार से शुरु हुआ कोरोना वायरस आज पूरी दुनिया में फैल चुका हैं।इस महामारी की अभी तक न तो कोई दवा बना पायी हैं ना ही कोई वैक्सीन लेकिन इस महामारी को पृथ्वी से खत्म करने के लिए दुनिया के वैज्ञानिक दिन-रात दवा और वैक्सीन के लिए खोज कर रहे हैं।वही यह लाइलाज बीमारी सबसे अधिक 60 वर्ष आयु के लोगों को निशाना बनाया हैं और सबसे कम शिकार बच्चे हुए हैं।इस का अर्थ यह नहीं हैं कि बच्चे इस बीमारी से अछुते रहे हुए हैं।भारत समेत पूरी दुनिया में बच्चों के साथ नवजात बच्चें भी कोरोना पाँजिटिव आ चुके हैं।इस लिए बच्चों के साथ भी वैसी ही सावधानी रखे जो वयस्कों के साथ रखी जाती हैं।बच्चों में इस बीमारी के थोड़ा लक्षण अलग हैं इस लिए बारीकी से ध्यान देने की जरुरत हैं। myUpchar से जुड़े एम्स के डॉ. अजय मोहन का कहना है कि कोरोना वायरस यूं तो हर आयु वर्ग के लिए नुकसानदायक है, लेकिन बच्चों की विशेष देखभाल जरूरी है. खासतौर पर वे बच्चे जो जन्म से थोड़े कमजोर हैं
ब्रिटेन में डिजिज फाँर कंट्रोल एंड प्रिवेंशन विभाग ने अपने रिसर्च में पाया कि बच्चों में कोरोना वायरस तो होता हैं लेकिन साफ स्तर से नजर नहीं आता हैं।जितने अन्य मरीजों में आता हैं। इसलिए भी बच्चों पर माता-पिता की पैनी नजर जरूरी है. इन वैज्ञानिकों के अनुसार, बच्चों में कोरोना वायरस के तीन प्रमुख लक्षण हैं – 1. बुखार 2. सूखी खांसी और 3. तेज सांस चलना. द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन के मुताबिक, हो सकता है कि बच्चों में कोरोना वायरस होने की आशंका बहुत कम हो, लेकिन यदि संक्रमण होता भी है तो उनमें लक्षण बहुत कम नजर आते हैं.
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बच्चों के इन लक्षणों पर रखे ध्यान
बच्चों में डिहाइड्रेशन के लिहाज से नजर रखना चाहिए यदि बच्चे ने 8 से 12 घंटे तक पेशाब नहीं किया हो ,वो रो रहा हो,लेकिन आंसू नहीं आ रहा हो, या सामान्य से कम सक्रिय नजर आ रहा है तो ध्यान दें. कोरोना वायरस पर चीन में हुए अध्ययन में बताया गया है कि कुछ बच्चों में उल्टी और डायरिया के संकेत भी मिले. बच्चों में आमतौर पर फ्लू के लक्षण दिखाई देते हैं, लेकिन इस बीमारी में खांसी और बुखार प्रमुख लक्षण रहे हैं. यदि बच्चे में ऐसे कुछ नजर आता है तो बिना देरी जांच करवानी चाहिए.
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बच्चों में फ्लू और कोरोना के लक्षण के फर्क को जानना जरुरी
कोरोना वायरस में बुखार आम है, लेकिन फ्लू में भी ऐसा होता है. फ्लू होने पर थकान भी होती है, लेकिन कोरोना वायरस में ऐसा नहीं होता. खांसी का भी ऐसा ही है. कोरोना वायरस और फ्लू, दोनों स्थितियों में सूखी खांसी होती है. बच्चों में कोरोना वायरस का एक अलग लक्षण बदन दर्द है, जबकि फ्लू में ऐसा नहीं होता. कोरोना वायरस के बहुत कम मामले में बच्चों की नाक बहती है. फ्लू में सिरदर्द होता है, लेकिन कोरोना वायरस में ऐसा कोई लक्षण नजर नहीं आया. इसी तरह सांस फूलना कोरोना वायरस का लक्षण है, लेकिन फ्लू या सामान्य कोल्ड में ऐसा नहीं होता है. .
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