दिल्ली दंगे में आम आदमी पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन के समर्थकों ने मेरे बेटे को डयूटी से आते वक्त गली से ले जाकर पहले पिटाई किये। उसके बाद ताहिर हुसैन के घर में गोली मार कर शव को नाले में फेंक दिया।इस घटना के बारे में विस्तार से अंकित के पिता रविंद्र शर्मा ने बताया कि ‘कुछ लोग जो ताहिर की छत से पत्थरबाजी कर रहे थे उन्होंने ही मेरे बेटे को मारा है।’ उन्होंने कहा कि अंकित पर हमल तब हुआ जब वह ड्यूटी से घर लौट रहे थे। रविंद्र शर्मा के मुताबिक, ताहिर के घर से पत्थरबाजी कर रहे 15-20 लोग नीचे उतरे और अंकित समेत 5-6 लोगों को खींचकर इमारत के अंदर लेकर चले गए। उन्होंने यह भी कहा कि जब लोगों ने अंकित और अंदर खींचकर ले जाए गए अन्य युवकों को बचाने की कोशिश की तो ताहिर के घर के अंदर से फायरिंग हुई।
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रविंद्र शर्मा का आरोप है कि ताहिर के कहने पर ही उसके समर्थकों ने उनके बेटे की पहले पिटाई की, फिर गोली हत्या कर दी। इसके बाद शव को छिपाने के लिए नाले में फेंक दिया। उन्होंने दयालपुर थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी। इसके बाद बुधवार को पुलिस ने नाले से शव को बरामद कर लिया। डीसपी वेद प्रकाश सूर्या का कहना है कि मामले में हत्या का केस दर्ज किया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चलेगा। अंकित शर्मा 2017 में आईबी में भर्ती हुए थे।
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इसके अलावा, सोशल मीडिया पर नेहरू विहार के कई लोग भी कई लोग ऐसा दावा कर रहे हैं कि दिल्ली हिंसा के पीछे ताहिर हुसैन की भूमिका संदिग्ध है। शिकारा’ फिल्म के पटकथा लेखक राहुल पंडिता ने भी अपने ट्विटर अकाउंट से कहा, ‘मैं कल पूरा दिन नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में था। लोगों ने आम आदमी पार्टी के पार्षद के ऊपर गंभीर आरोप लगाए हैं।’