लोगों की जिंदगी सवारने में लगा रही अपना जीवन-सत्यावती गुप्ता
गया । अपने लिए जीए तो क्या जीए, ते जी ऐ दिल जमाने के लिए..। इन पंक्तियों को सार्थक कर रही हैं समीर तक्या मोहल्ले निवासी सत्यावती कुमारी गुप्ता। उनकी संस्था पिछले दो वर्षो में करीब 500 लोगों को रक्त देकर जान बचा चुकी हैं। समाज सेवा के प्रति!-->…