कानपुर शूटआउट के मुख्य आरोपी विकास दुबे की उज्जैन पुलिस द्वारा पकड़ कर यूपी एसटीएफ को हैंडओवर किये जाने के बाद रास्ते में उससे एसटीएफ पुछताछ में कई राज उगले।उसने पुछताछ में बताया कि उसने अपने आवासी योजना में कई पुलिस वालों को सस्ते दामों पर प्लांट दे रखा था और हर महीने उनको रकम भी पहुंच वाता था।
वही उसने पुछताछ में खुलासा किया की 2 जूलाई को घटना के दिन वह कानपुर देहात के शिवली में वह अपने एक करीबी के पास रुका वहा से वह निजी गाड़ी से तीन बार नोएडा गया फिर वहा से वह फरीदाबाद गया लेकिन पुलिस को पता भी नहीं चला।उसने बताया की नोएडा में उसने एक वकील से मिला जो उसके माध्य से आदालत में सरेंडर करना चाहता था इस के लिए वकील ने उससे 50 हजार रुपये मांग लेकिन केस नहीं होने के कारण वह अपने करीबी किसी से आंनलाइन पेमेंट कर वाना चाहता था। बाद में वह फिर नोएडा से फरीदाबाद आ गया था। बाद में उसका नोएडा का भी एक वीडियो फुटेज वायरल हुआ था। लेकिन तमाम नाकेबंदी के बाद भी पुलिस उसे पकड़ नहीं पाई थी।
शराब कारोबारी ने की ‘सरेंडर‘ में मदद
सूत्रों के मुताबिक उज्जैन के एक शराब कारोबारी की मदद से विकास ने वहां (उज्जैन) कथित सरेंडर किया था। इस शराब कारोबारी के मध्य प्रदेश में काफी करीबी राजनीतिक संपर्क हैं। शराब कारोबारी का यह संपर्क विकास से भी जुड़ा रहा है। यह भी बताया जा रहा है कि विकास दुबे को उज्जैन में एक बुलेटप्रूफ जैकेट भी मुहैया कराई गई थी। हालांकि अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
विकास दुबे के मददगारों एवं अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी यूपी पुलिस
कानपुर शूटआउट के मुख्य आरोपी और दुर्दांत क्रिमिनल विकास दुबे को एनकाउंटर में ढेर करने के बाद अब यूपी पुलिस उसके मददगारों और अन्य आरोपियों की तलाश में जुट गई है। विकास के गुर्गों को शरण देने के आरोप में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार भी किया है। पुलिस अब उन लोगों को दबोचने में जुट गई है, जिन्होंने एनकाउंटर से पहले कानपुर के बिकरू गांव से विकास के भागने और पनाह देने में मदद की थी।