महिलाए भी पुरुषों से किसी भी क्षेत्र में पिछे नहीं रह रही हैं रह क्षेत्र में उनकी उपस्थिति देखने को मिली रही हैं।पुरुषों से कंधा से कंधा मिलकर आज चल रही हैं।ऐसे क्षेत्रों में भी उनका प्रवेश होने लगा है जिसमें केवल पुरुष ही जा सकते थे उसमें भी उनका प्रवेश होने लगा हैं।ऐसा ही क्षेत्र है भारतीय सेना जिसमें केवल पुरुष ही सेना में भर्ती हुआ करते था और सेना की तरफ से युद्ध और युद्ध विमान चलाया करते थे।लेकिन आज देश की बेटियां भी सेना में भर्ती हो रही हैं और सेना की अहम जिम्मेदारिया निभा रही हैं।चाहे युद्ध जैसी स्थिति हो या युद्ध विमान चलाना हो बखुबी इस काम को कर रही हैं।
इसी तरह काम किया है राजस्थान में पैदा हुई प्रिया शर्मा ने जिसने भारतीय वायु सेना एकैडमीक से पास हो कर देश की 7 वीं महिला फाइटर पायलट बनी हैं।इससे पहले राजस्थाने की ही मोहना सिंह और प्रतिभा भी फाइटर पायलट होने का गौरव हासिल कर चुकी हैं प्रिया शर्मा राजस्थान की तीसरी महिला फाइटर पायलट बनी है।
प्रिया के पिता कर्नाटक के बीदर स्थित वायुसेना स्टेशन में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. युवा पायलट ने अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए कहा कि वह बचपन में आकाश में जगुआर और हॉक विमानों को उड़ान भरते देख पायलट बनने के लिए प्रेरित हुईं.
उन्होंने कहा, ‘‘खुद को अलग-अलग कॉकपिट के अनुरूप ढालना और विमान बदलना (प्रशिक्षण के दौरान), शुरू में थाड़ा मुश्किल था, लेकिन मैं इसकी अभ्यस्त हो गई…उड़ान भरना शानदार होता है.’’
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थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने सेवाओं में शामिल हुए युवा अधिकारियों को शुभकामनाएं देते हुए उम्मीद जताई कि वे रक्षाबल को गौरवशाली बनाएंगे.