शनिवार सुबह अचानक खबर में आई कि मुजफ्फरपुर शहर के एसकेएमसीएच हॉस्पिटल में हॉस्पिटल के पीछे जंगलों में बाउंड्री के अंदर बहुत सारे मानव अस्थि पंजर मिले। जिसमें अनगिनत अस्थि पंजर बच्चों के थे। कितने सारे अस्थि पंजर थे, जो कि छोटे-छोटे बोरे और बैगों में भर कर फेंका गया था। आखिर क्या है यह पूरा मामला यह जानते हैं।
दरअसल चारदीवारी में लाश फेंकने की मामला काफी दिनों से चला आ रहा था। यहां के स्थानीय निवासियों से बात करने के बाद पता चला कि इस अस्पताल के चारदीवारी के अंदर के दीवार के पास प्रत्येक के 10- 12 दिन पर 5-6 लाशे जलाई जाती है। और लगभग हर 2 दिन 3 दिन पर एक लाश को बोरी में भर कर फेंक दिया जाता है। एक साथ कई सारे लाशों को जलाने के कारण इसमें से काफी दुर्गंध आता है। और सारी लाशे सही ढंग से जल भी नहीं पाता।
हॉस्पिटल के चारदीवारी के अंदर चलाए जाने वाले लाशो के बारे में जब पता किया गया, तो पता चला कि यह सारी लाशें हॉस्पिटल परिसर के लावारिस शव होते हैं। और किसी के द्वारा उस लाश का दावा नहीं किए जाने पर उसको लावारिस घोषित करके जला दिया जाता है। पर इतनी सारी शव आती कहां से है? यह भी एक जांच का विषय है। आखिर एक शहर में प्रत्येक दिन लगभग 1 से 2 बॉडी लावारिस कैसे मिल जाती है? और वह भी अस्पताल प्रशासन के द्वारा उस बॉडी का अंतिम संस्कार सही ढंग से क्यों नहीं किया जाता है।
इन सारी वारदातों का एक साथ उभर आने पर, एक साथ कई सारे संदेह एस के एम सी एच हॉस्पिटल के प्रशासनिक व्यवस्था पर उठता है। कि आखिर हॉस्पिटल में इतनी लाशे आती कहां से है? आती है, तो उसका सही निराकरण क्यों नहीं किया जाता? क्योंकि लाशों के जलने से आसपास के स्थानीय निवासियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि, उन्होंने कई बार इस बाबत कंप्लेंट भी दाखिल किया है सुपरिडेंटेंट को पर उस पर कोई एक्शन ना लिया गया।