गैंगस्टर विकास दुबे एनकाउंटर की जांच पड़ताल के लिये यूपी सरकार ने गठित की जांच आयोग ,2 महिने में देगी रिपोर्ट

The main accused in the Kanpur shootout and gangster Vikas Dubey, many secrets erupted in STF regrets.

कानपुर शुटआउट में यूपी पुलिस के 8 जवानों को गोली मार कर हत्या करने वाला गैंगस्टार विकास दुबे 2,3 जूलाई को कानपुर के बिकरु गांव से फरार होकर दिल्ली होते हुए राजस्थान के रास्ते मध्य प्रदेश के उज्जैन पहुंच गया और वहां महाकाल के मंदिर परिसर में गार्ड के सामने अपने आपको सरेंडर कर दिया।सरेंडर के बाद उज्जैन पुलिस ने गिरफ्तार करके यूपी पुलिस को सौंप ।उज्जैन से आते समय कानपुर की सीमा में शुक्रवार सुबह 6 बजे जिस गाड़ी में विकसा और यूपी पुलिस के जवान जो विकास को लेकर आ रहे थे अचानक सड़क पर पलट जाने से घायल पुलिसकर्मियों की रिवाँल्वर छिन कर विकास भागने लगा।पुलिस भागते हुए विकास का पिछा कर उसे आत्मसमर्पण करने के लिए कहा लेकिन विकास दुबे नहीं माना और पुलिस के उपर फायरिंग करने लगा जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली से गैंगस्टर विकास दुबे मारा गया। इस बात की जांच करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने एक आयोग का गठन किया हैं ,इलाहाबाद हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज शशिकांत अग्रवाल इस मामले की जांच करेंगे. यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इस कमीशन के लिए उनकी नियुक्ति की.

ये आयोग विकास दुबे के एनकाउंटर के अलावा उसके कई गुर्गों के पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे जाने की जांच करेगा. ये सारे जांच कमीशन ऑफ इनक्वायरी एक्ट 1952 के तहत किए जाएंगे. इस कमीशन को 2 महीने में अपनी रिपोर्ट देनी होगी. आयोग का मुख्यालय कानपुर होगा.

यूपी सरकार द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि बिकरू गांव की घटना और उसके बाद तीन जुलाई से 10 जुलाई की अवधि के दौरान पुलिस और अपराधियों के बीच हुई मुठभेड़ लोक महत्व का विषय है. इस वजह से इसकी जांच जरूरी है.

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