लद्दाख सीमा के गलवान घाटी में उत्पन्न सीमा विवाद को लेकर भारत -चीन आमने -सामने हैं,दोनों देशों की सेनाएं अस्त्र-शस्त्र से लेस हैं।हालत ऐसे हैं कि युद्ध के विगुल कभी भी बज सकते हैं।दोनों देशों के बीच 15 जून की रात घटीत घटना में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने से पूरी दुनिया की निगाहे इन दोनों पर लगी हुई हैं।क्योंकि ये दोनों देश एशिया महादीप के दो महाशक्तिया हैं जिनके बीच तनाव चल रहा हैं।अमेरिका तो लगातार इस स्थिति पर नजर गड़ाये हुआ हैं उसने तो दोनों देशों के बीच चल रहा सीमा विवाद हल करने के लिए मध्यस्थता करने की पेचकस भी किया था जिनको दोनों देशों ने यह कहते हुए नकार दिया था कि आपसी विवाद को मह स्वय दोनों हल कर लेगे तीसरे देशी की कोई जरुरत नहीं हैं।
इसी बीच अमेरिका के विदेश मंत्रा माइक पोम्पियो ने एक टिवट कर 15 जून को गलवान घाटी में शहीद हुए 20 भारतीय जवानों को श्रद्धांजलि दी। माइक पोम्पियो ने लिखा, ‘..चीन के साथ हुए विवाद में भारत के जिन जवानों की जान गई है, उन्हें हम श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. इस दुख की घड़ी में हम उन जवानों, उनके परिवार, उनके चाहने वालों और भारत के लोगों के साथ हैं।
अमेरिकी विदेश मंत्री द्वारा टिवट कर दी गई भारतीय जवानों को श्रद्धांजलि के पीछ एक संदेश यह हैं कि चीन और अमेरिका के बीच काफी लम्बे समय से ट्रेड वार चल रहा इसी बीच कोरोना वायरस महामारी की जानकारी छिपाने का आरोप अमेरिका द्वारा लगाये जाने से दोनों देशों के बीच कोल्ड वाँर चल रहा हैं।अमेरिका पुराने वक्त से भारत का सहयोगी रहा है, ऐसे में इस तनाव के माहौल में अमेरिका की ओर से लगातार भारत के पक्ष को लेकर बयान दिए जा रहे हैं.
ऐसे में चीन भी समझता है कि इस ग्लोबल लड़ाई में अब भारत अकेला नहीं है, बल्कि मित्र देश उसके साथ हैं.
इससे पहले बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच फोन पर बात भी हुई थी. इस दौरान दोनों नेताओं ने चीन के साथ जारी तनाव को लेकर चर्चा भी की थी.