विकास दुबे का उज्जैन में सरेंडर लेकिन कानपुर में एनकाउंटर कांग्रेस ने पुछे 13 सवाल

कानपुर में यूपी पुलिस के 8 जवानों के हत्यारा विकास दुबे गुरुवार को उज्जैन के महाकाल के मंदिर परिसर में गिरफ्तार कर लिया गया और उसे लेकर आ रही यूपी एसटीएफ की टीम जैसे ही कानपुर की सीमा में पहुंची तो अचानक सड़क पर चल रही गाड़ी जिसमें विकास दुबे और यूपी एसटीएफ की टीम बैठी थी पलट जाने से उसमे सवार चार पुलिसकर्मी घायल हो गये और विकास दुबे उन घायल पुलिस वालों की एक रिवाँल्वर लेकर भागने लगा पुलिस ने उसे आत्म समर्पण करने के लिए कहा लेकिन पुलिस पर वह लगातार फायरिंग करने लगा जिसके जवाब में पुलिस ने भी फायरिंग करना शुरु कर दिया इस फायरिंग में विकास दुबे के सीने में तीन और एक हाथ में लोगी लगने से उसकी मौके पर मौत हो गई। हालांकि राजनीतिक दल पुलिस की इस थ्योरी को गलत बता रहे हैं.

अखिलेश यादव ने कहा कि अगर विकास जिंदा रहता तो योगी सरकार चली जाती. पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शायराना अंदाज में लिखा- कई जवाबों से अच्छी है खामोशी उसकी, ना जाने कितने सवालों की आबरू रख ली.

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश को बीजेपी सरकार के नेतृत्व में अपराध प्रदेश में तब्दील कर दिया गया है. विकास दुबे संगठित अपराध का एक मोहरा था. उस संगठित अपराध का सरगना असल में है कौन? विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद अनेकों सवाल सार्वजनिक जेहन में खड़े हो गए हैं, जिनका जवाब आदित्यनाथ सरकार को देना होगा.

कांग्रेस प्रवक्ता ने दस से ज्यादा सवाल खड़े किए हैं, मसलन-

1. क्या विकास दुबे शासन में बैठे लोगों का राजदार था? क्या उसे सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोगों का संरक्षण प्राप्त था?

2. विकास कौन से राज छुपा रहा था?

3. विकास दुबे का नाम 25 मोस्ट वांटेड अपराधियों की लिस्ट में शामिल क्यों नहीं था?

4. इस एनकाउंटर पर कई सवाल खड़े होते हैं, अगर उसे भागना ही था तो उज्जैन में जाकर सरेंडर क्यों किया?

5. मीडिया कर्मियों को एनकाउंटर स्पॉट पर जाने से क्यों रोका गया?

6. विकास दुबे को पहले हवाई मार्ग से लाए जाने की बात चल रही थी, फिर बाद में इसे क्यों बदला गया?

7. विकास दुबे को एक्सिडेंट से पहले सफारी गाड़ी में देखा गया था. एक्सिडेंट दूसरी गाड़ी में हुआ लेकिन अब कुछ और बताया जा रहा है.

8. विकास के एक पैर में लोहे की रॉड लगी थी तो वो भाग कैसे सकता है?

9. अगर वो भाग रहा था तो पुलिस की गोली सीने में कैसे लगी?

10. घटनास्थल पर गाड़ी फिसलने के कोई निशान मौजूद क्यों नहीं थे?

11. विकास अगर भाग रहा था तो उसके कपड़े सूखे कैसे थे, कीचड़ के निशान क्यों नहीं थे?

12. विकास दुबे का एनकाउंटर सच्चाई का एनकाउंटर है. जिससे सच छुपाया जा सके.

13. विकास के पीछे खड़े लोगों के चेहरों को सार्वजनिक कर ही कानपुर शूटआउट में शहीद हुए जवानों को सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सकेगी.

बता दें, कुख्यात अपराधी एवं कानपुर के बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले का मुख्य आरोपी विकास दुबे शुक्रवार सुबह कानपुर के भौती इलाके में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया.

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