क्यों तब्दील हो जा रहे हैं अस्पताल मवेशी खानों में?
हाल के दिनों में नीतीश सरकार अपने खराब स्वास्थ्य नीतियों को लेकर काफी आलोचना के शिकार रहे। उनकी नीति और नीयत पर सवाल खड़ा करते हुए उनकी काफी आलोचना भी की गई।
यह मामला मुजफ्फरपुर मे बुखार से हुए बच्चो के मौत के कारण शुरू हुआ और धीरे-धीरे इसके तार मुजफ्फरपुर से निकलकर दरभंगा, पटना, सीतामढ़ी, मोतिहारी होते हुए आज कैमूर तक पहुंच चुका है। हालांकि ऐसा नहीं हो सकता कि यह सारी गड़बड़ियां जो अस्पतालों में मिल रही है। यह बीते एक 2 साल का है पर ऐसा भी नहीं है कि नीतीश कुमार की सरकार पिछले एक 2 साल से है। पिछले 15 साल से नीतीश कुमार बिहार पर शासन कर रहे हैं । और हेल्थ व्यवस्था पिछले 50 साल के सबसे निम्नतम स्तर पर है।
कैमूर में एक ऐसा मामला सामने आया है कि वहां एक उप स्वास्थ्य केंद्र जो कि पहले अस्पताल हुआ करता था।अभी पूरी तरह मावेशी खाना में तब्दील हो चुका है। जगह-जगह मवेशी मिल जाएंगे तथा उनके गोबर भी मिल सकते हैं। जहां पहले डिस्पेंसरी हुआ करते थे आज वहां गोबर के उपले बनते हैं। पहले जहां डॉक्टर बैठा करते थे आज वहां मवेशियों के दूध रखे जाते हैं। और यह सारी बातें स्थानीय प्रशासन की जानकारी में होती है फिर भी कोई कुछ नहीं कर पाता।
अब आप सोच सकते हैं कि जब एक अस्पताल मवेशी खाना में तब्दील हो चुका है तो वहां के स्थानीय निवासियों को क्या हाल होता होगा? जब कोई बीमार होता होगा तो कहां जाता होगा वह?