आज कई दिनों से मुजफ्फरपुर शहर आइ ई एस वायरस से ग्रसित है। फिर भी ना ही प्रशासन किसी मरीज का मदद कर पा रही है ना ही सरकार। हालांकि चिकित्सकों द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़िया से बाहाल करने की पूरी कोशिश की गई है पर संसाधनों की कमी की वजह से और बीमारी के कारणों का पता नहीं लग पाने की वजह से यह संक्रमण अभी समाप्त नहीं हुआ है। जब से मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार दौरा करके गए हैं तब से ही यहां मुजफ्फरपुर एस के एम सी एच में पत्रकारों का ताता लगा हुआ है। और वह पत्रकार सारे डॉक्टर्स को बाधित कर रहे हैं अपना काम करने से। अंजना ओम कश्यप का वीडियो देखिए या फिर और भी बहुत सारे पत्रकार है बहुत सारे टीवी न्यूज़ चैनल है जिस के पत्रकार डाँक्टरो को परेशान कर रहे हैं उनको काम नहीं करने दे रहे हैं। हॉस्पिटल के व्यवस्था से ऐतराज है तो अस्पताल प्रशासन से बात किया जाता है। अस्पताल प्रशासन की जिम्मेवारी होती है कि अस्पताल में क्या कहां कैसे रहेगा? इलाज करना होता है उनको और आप बात कर रहे हैं। बच्चों की मौत के जिम्मेदार आप भी हैं? आपको लगता होगा कि हम इस खबर को दिखा कर, इसको कवर करके बहुत सारे टीआरपी हासिल कर सकते हैं। पर आपको यह भी सोचना होगा कि हमारे डिस्टर्ब करने से डॉक्टर्स पर और मरीज की सेहत पर क्या प्रभाव पड़ेगा? हो सकता है कि कोई मरीज इलाज के अभाव में मर जाए। क्योंकि डॉक्टर को तो आपने व्यस्त कर रखा है, अपने फालतू के सवाल पूछने में। अगर सवाल ही पूछना था तो सीएम से पूछिए, पीएम से पूछिए, राजनेताओं से पूछिए, प्रशासन से पूछिए पर प्लीज डॉक्टर्स को डिस्टर्ब नहीं कीजिए। डॉक्टर हीं है जो इस मुसीबत, इस आपदा की घड़ी में हर मरीज के परिवार का सहारा बना हुआ है। हर इंसान के लिए भगवान बना हुआ है। आप भी एक बार इंसान बनकर सोचिए। एक बार व्यापारी वाली छवी और अपने न्यूज़ के व्यापार से बाहर आकर सोचिए।