एक अप्रवासी भारतीय ने मुजफ्फरपुर में चमकी से जा रहे बच्चों की जान का मूल कारण जानने के लिए रिसर्च कराने का बीड़ा उठाया है। उन्होंने बिहार सरकार को यह ऑफर दिया है कि अगर बिहार सरकार उनकी सहयोग करें तो, उन्होंने बताया कि वे लंदन यूनिवर्सिटी के अपने सहयोगी टीम द्वारा इस बीमारी का गहन अध्ययन करवाएंगे। जिसमें ब्लड सैंपल्स के द्वारा बीमारी के मूल कारणों का पता लगाने की कोशिश किया जाएगा।
पूर्वी चंपारण जिले के मोतिहारी शहर निवासी राकेश पांडे जो कि एक अप्रवासी भारतीय हैं। 8 देशों में उनकी दवा की फैक्ट्रियां चलती है। उन्होंने यह बातें कह कर एक बार फिर मानवता एक बहुत बड़ा मिसाल दिया है। उन्होंने बताया वह मानवता के नाते यह फैसला किय है। बिहार में चमकी बुखार से जा रही बच्चों की मौत के कारण ही उन्होंने मोतिहारी में एक बहुत बड़ी दवा की दुकान खोलने का बीड़ा उठाया। जिसकी भूमि पूजन समारोह में उन्होंने यह बातें कहीं।
श्री पांडे जब उक्त बातें कह रहे थे तो उस समय बिहार के दो माननीय मंत्री श्री प्रमोद कुमार और श्री श्याम रजक उसी स्टेज पर मौजूद थे। समारोह के बाद प्रेस वार्ता में श्री पांडे ने बताया कि वे इस तरह के प्रस्ताव काफी दिनों से बिहार सरकार को दे रही है। जिसमें लंदन कि उनकी टीम आकर बिहार में चमकी बुखार के मरीजों पर शोध करेंगे।पर बिहार सरकार उनकी प्रस्ताव को नजरअंदाज कर दे रही है। उसके बाद जब बारी बिहार सरकार के मंत्री श्री श्याम रजक की आई तो उन्होंने अपने बड़बोले पन के कारण बोला कि बिहार सरकार चमकी बुखार संबंधित हर घटना पर नजर बनाए हुए हैं और इसमें सुधार करने के लिए काफी प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि बिहार सरकार इस बीमारी से संबंधित शोध पहलेे पहलेेेे करा चुकी है और इससे संबंधित दवाओं का वितरण किया जा रहा है।