रामविलास पासवान बिहार की राजनीति के जाने-माने चेहरा हैं। ऐसा नहीं कि वह बिहार की राजनीति में ही सक्रिय रहते हैं। वह केंद्रीय राजनीति में भी काफी अहम भूमिका निभाते हैं। उनके बारे में ऐसा माना भी जाता है कि चाहे किसी भी पार्टी की सरकार हो, किसी भी दल की सरकार बनेंगे। मंत्री तो रामविलास पासवान ही बनेंगे। ऐसा इसलिए भी कहा जाता है कि वह चुनाव से पहले ही हवा का रुख रुख भांपते हुए अपना गठबंधन करते हैं।
आइए जानते हैं रामविलास पासवान के बारे में रामविलास पासवान का जन्म बिहार के खगरिया जिला के शहरबानी में गांव में 15 जुलाई 1946 को एक दलित परिवार में हुआ था। तत्काल में रामविलास पासवान मोदी सरकार में खाद एवं संरक्षण विभाग में मंत्री हैं तथा लोक जनशक्ति पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष है।
कुल मिलाकर आठ आठ बार लोकसभा सदस्य रहे हैं। और दो बार राज्यसभा सदस्य भी रहे हैं। उन्होंने 2000 ईस्वी में लोक जनशक्ति पार्टी का गठन किया। इससे पूर्व बहुत सारे दल से जुड़े पहली बार 1969 में रामविलास पासवान संम्युक्त समाजवादी पार्टी से बिहार विधानसभा के सदस्य चुने गए। उसके बाद उन्होंने 1974 में लोक दल ज्वाइन कर लिया। ज्वाइन करने के बाद लोक दल का महासचिव बना दिया गया।
उन्होंने इंदिरा गांधी द्वारा थोपी गई आपात काल का भी विरोध किया था। आपातकाल के बाद 1977 में जब आम चुनाव हुए तो वे जनता पार्टी के टिकट पर 1977 में हाजीपुर से पहली बार लोकसभा सदस्य बने। उसके बाद उन्होंने लगातार 1980 में 1989 में 1996 में 1998 में 1999 में 2004 में लोकसभा सदस्य बने। 1996 से 1998 तक के सरकार मे वह लीडर ऑफ द हाउस भी रहे। उसके बाद 2009 में मिली हार के बाद 2010 में बिहार से राज्यसभा सदस्य चुने गए। 2014 में हुए आम चुनाव में जीत हासिल हुई। 2019 में उन्होंने खुद से लोकसभा चुनाव लड़ने से मना कर दिया। तत्पश्चात उन्हें राज्यसभा भेजा गया।
उन्होंने दो शादी की थी, पहले बीवी का नाम राजकुमारी देवी था। जिनकी शादी 1969 में हुआ और 1981 में तलाक हो गया। फिर 1982 में एक पंजाबी हिंदू परिवार के लड़की रीना शर्मा से रामविलास पासवान ने शादी किया। कुल मिलाकर दोनों पत्नियों से रामविलास पासवान के चार बच्चे हैं। जिसमें जमुई से लोकसभा सदस्य चिराग पासवान भी शामिल है।