जयपुर। कोरोना वायरस के कारण भारत में सभी मंदिरों को बंद कर दिया गया था चाहे माता वैष्णो देवी मंदिर हो या पुरी जगन्नाथ जी चाहे वह तमिलनाड्डु का तिरुपती बालाजी हो या केदरनाथ, बद्रीनाथ के मंदिर हो,सभी को एक साथ बंद कर दिया गया था। सिर्फ पुजारी लोगों को मंदिर के अंदर पुजा-पाठ करने अनुमती थी वहीं श्रद्धालुओं को अंदर जाने की मनाही थी।
लेकिन कुछ दिनों के बाद मोदी सरकार के द्वारा अनलॅाक प्रक्रिया चालू करने के बाद कुछ मंदिरों में नियम लगाकर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है। जिसमें एक बार में कुछ ही लोगों को जाने की अनुमती होगी।
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आपको बता दें कि कोरोना वायरस संक्रमण के केसों में कमी के बाद वैष्णो देवी में प्रति दिन दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि की गई है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर से कहा गया है कि 1 नवंबर से प्रतिदिन 15 हजार श्रद्धालुओं को वैष्णो देवी के दरबार में जाने की इजाजत होगी। अभी प्रतिदिन अधिकतम 7 हजार लोग त्रिकुटा पर्वत पर पवित्र गुफा में दर्शन कर सकते हैं। इसके साथ ही 14 दिन के होम क्वारंटाइन की शर्त भी हटा ली गई है।
अनलॉक-5 में धार्मिक समारोह को लेकर कई तरह की गतिविधियों में छूट दी गई
15 अक्टूबर से अनलॉक-5 में धार्मिक समारोह को लेकर कई तरह की गतिविधियों में छूट के साथ वैष्णोदेवी में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या सीमा 5 हजार से बढ़ाकर 7 हजार कर दी गई थी। मार्च में लॉकडाउन की शुरुआत के बाद से ही वैष्णो देवी में श्रद्धालुओं के जाने पर रोक लग गई थी। 16 अगस्त से यात्रा फिर शुरू हुई है।
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देश-विदेश से बड़ी संख्या में हर दिन लोग माता के दरबार में पहुंचते हैं। गर्मियों में यहां श्रद्धालुओं की संख्या काफी बढ़ जाती है तो सर्दियों में अपेक्षाकृत कम लोग आते हैं। नवरात्र में यहां भक्तों की भीड़ सर्वाधिक होती है, हालांकि इस साल केवल 39 हजार भक्तों को दर्शन का मौका मिला।