जयपुर। बिहार और आगामी बंगाल चुनाव को लेकर वोटरों को साधने के लिए भाजपा कमर कस रही है। भाजपा बिहार व आगामी बंगाल में हिंदु वोटरों का ध्रुविकरण करना चाह रही है जिजसे सीधा उसको फायदा मिले। इसी कारण सीएए जैसे मुद्दों बिहार चुनाव में उछाला है ताकी वोटों का धुर्विकरण हो सके और भाजपा की सरकार बिहार और बंगाल में बने।
बीजेपी इस कार्य को अंजाम देने के लिए पूरी तैयारी कर रही है और किसी भी कीमत पर बिहार व बंगाल को जितना चाह रही है। क्यों की उत्तर भारत में ध्यान दौड़ाए तो भाजपा सिर्फ बिहार औऱ बंगाल में पिछड़ा हुआ है। बिहार में जदयू के गठबंधन के माध्यम से सत्ता के करीब तो है लेकिन जमीनी तौर पर कमजोर है इसलिए अपना जड़ मजबुत करने की जुगत में है।
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के बयान दुर्भाग्यपूर्ण- गहलोत
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर सियासत शुरू हो गई है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष जेपी नड्डा के बयान को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। गहलोत ने आरोप लगाया कि बीजेपी इस तरह के स्टेटमेंट्स से उस तनाव को पुनः भड़काना चाहती है, जिसे कोरोना से पहले देश ने देखा था।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू करने को लेकर स्टेटमेंट बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। कोरोना से पहले भी सीएए लागू करने को लेकर बीजेपी की हठधर्मिता के कारण मुल्क में बेहद तनाव बना हुआ था और कई हिस्सों में आग लगी हुई थी।
बीजेपी इस तरह के स्टेटमेंट्स से उस तनाव को पुनः भड़काना चाहती है-गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि अब जबकि देश कोरोना महामारी की गंभीर चुनौती से जूझ रहा है, बीजेपी इस तरह के स्टेटमेंट्स से उस तनाव को पुनः भड़काना चाहती है, शांति और सद्भाव को बिगाड़ने के बजाय, प्राथमिकता देश के समक्ष मौजूदा कोरोना संकट का एकजुटता से मुकाबला करते हुए जीवन बचाने की होनी चाहिए।
टीएमसी ‘फूट डालो और राज करो’ की राजनीति कर रही है- नड्डा
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले जेपी नड्डा ने बयान दिया था कि लॉकडाउन के कारण सीएए लागू करने में देरी हुई, लेकिन अब इसे जल्द लागू किया जाएगा। जेपी नड्डा ने पश्चिम बंगाल सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वो अपनी पार्टी टीएमसी के राजनीतिक हितों के लिए राज्य में ‘फूट डालो और राज करो’ की राजनीति कर रही है।
शरणार्थियों को भारत की नागरिका दी जा सकेगी
बता दें कि पिछले साल केंद्र सरकार की ओर से सीएए कानून लाया गया था, जिसके तहत अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई शरणार्थियों को भारत की नागरिका दी जा सकेगी।