15 जून को गलवान घाटी के पेट्रोलिंग प्वांइट -14 पर भारत और चीनी सेना के बीच हिंसक झड़प हुई जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हुए वही चीनी सेना के 43 जवान इस झड़प में मारे गये।दोनों देशों के कमांडर स्तर के अधिकारियों के बीच एक समझौता हुआ की दोनों सेनाएं अपने -अपने सथान से हटकर यथा स्तिथि पर चली जाएंगी।भारतीय सेना समझैतों के तहत पीछे हट गई और इस बात का पता लगाने के लिए भारतीय सेना के कर्नल संतोष बाबू गये कि चीनी सेना गलवान घाटी के पेट्रोलिंग प्वाइंट -14 से हटी की नहीं जाकर देखा तो चीनी सेना गलवान घाटी में टेंट लगाकर रुके हुए थे।इसी दौरान कर्नल संतोष बाबू और उनके तीन साथियों पर चीनी सेना के जवान अचानक हमला कर दिये।इस हमले में कर्नल संतोष और उनके दो साथी इस हिंसक झड़प में लड़ते -लड़ते शहीद हो गये।हिंसक झड़प की सूचना पर अन्य भारतीय जवान गलवान घाटी में पहुंचे और दोनो सेनाओं के सैनिकों के बीच जमकर लाठी, पत्थर कंकरीले तारों से भिडंत हुई।भिड़ंत लगभग 3 घंटे तक चली जिसमें भारतीय सेना की तरफ से 20 जवान शहीद हुए और चीनी सेना के 43 जवानों को इस भिड़ंत में मार गिराया गया।चीनी सेना की संख्या दुगुनी होने पर भी भारतीय सेना ने जमर मुकाबला किय और 43 जवान मार गिराये ।लेकिन चीनी सेनाअभी भी उनके कब्जे में भारतीय सेना के जवानों के शव हैं जिनको वह क्षत-विक्षत कर सौंपने से भारतीय बटालियन में गुस्सा हैं।
ऐसी स्थिति के चलते गलवान घाटी के पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 में हालात तनावपूर्ण बनी हुई हैं। मेजर जनरल-स्तरीय वार्ता ने कल मुश्किल से चीजों को नियंत्रण में रखा है. तनावपूर्ण माहौल के बीच दोनों देशों के बीच हुई सैन्य अधिकारियों की मीटिंग के बाद मामला थोड़ा शांत है. लेह कॉर्प्स कमांडर हर घंटे 3 डी कमांडर के साथ संपर्क में हैं और पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं. बताया जा रहा है कि चीन के साथ एक दौर की और बातचीत हो सकती है.
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गौरतलब है कि लद्दाख के पैंगोंग त्सो में भारत और चीन की सेनाएं 3 बार आमने-सामने आ चुकी हैं. फेस ऑफ की पहली घटना 5/6 मई की रात को हुई थी. इसके बाद 13 मई और 29 मई को दोनों देशों के जवान भिड़ गए थे. इसका वीडियो भी वायरल हुआ था. सेना की पहली प्राथमिकता इसप्वाइंट पर बातचीत से विवाद सुलझाने की है.
अलर्ट पर तीनों सेनाएं
इस बीच भारतीय सेना ने अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के साथ अपने सभी प्रमुख फ्रंट-लाइन ठिकानों पर अतिरिक्त जवानों को रवाना कर दिया है. वायुसेना ने पहले से ही अपने सभी फॉरवर्ड लाइन बेस में एलएसी और बॉर्डर एरिया पर नजर रखने के लिए अलर्ट स्तर बढ़ा दिया है.
3500 किलोमीटर की चीन सीमा पर भारतीय सेना की कड़ी नजर है. तीनों सेनाओं को हाई अलर्ट पर रखा गया है. चीनी नौसेना को कड़ा संदेश भेजने के लिए हिंद महासागर क्षेत्र में नौसेना भी अपनी तैनाती बढ़ा रही है.