आखिरकर बिहार सरकार ने चमकी से हुए बच्चों की मौत के मामले में मान ली अपनी नाकामी

सुप्रीमकोर्ट में एक हलफनामा दायर करते हुए बिहार सरकार ने यह बताया कि बिहार में स्वास्थ्य सेवा पुरी तरह बदहाल है।

आखिर जिसका आरोप विपक्ष सहित तमाम बुद्धिजीवी वर्ग एवं पत्रकार बिहार सरकार पर लगाते रहे। वह बात आखिर कर सरकार ने भी मान ली। बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट में चमकी बुखार को ले कर सुनवाई चली। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार तथा बिहार सरकार दोनों से इसके उपर सफाई देने की मांग की थी।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र सरकार ने अपनाया हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में दायर किया। केंद्र ने बिहार की स्वास्थ्य सेवाओं को पूरी तरह नकारा बताते हुए यह बातें साफ कर दिया कि बिहार को सिर्फ केंद्र की तरफ से खैरात मिल सकता है। बिहार सरकार में इतनी ताकत नहीं कि वह अपने दम पर अपने राज्य की स्वास्थ्य र्व्यवस्था की देखभाल करें।

इससे पहले भी जब सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही थी। बिहार सरकार ने यह बात मानी कि हमारे यहां डॉक्टरों की कमी है तथा सुविधाओं की भी कमी है। फिर भी हम से जो बन पा रहा है हम पूरी तरह से कर रहे हैं। इस बाबत हम ने केंद्र सरकार से मदद मांगी है। केंद्र सरकार ने भी मदद के नाम पर 10 डॉक्टरों की टीम 5 मोबाइल डॉक्टरों की टीम इत्यादि सहित तमाम बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराए थे।

हालाँकी यह चमकी बुखार के बाद साफ हुआ कि बिहार की  स्वास्थ्य व्यवस्था कितनी बादहाल है। इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दावा करते रहे हैं कि बिहार में जब से उनकी सरकार बनी है। बिहार हर क्षेत्र में प्रगति किया है चाहे वह कोई भी मुद्दा हो। पर हर एक मुद्दा का पोल खुलते जा रहा है। बिजली पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं को लेकर भी बिहार सरकार अपने सबसे निचले स्तर पर आ गई है। और प्रशासनिक स्तर पर भी बिहार कोई ज्यादा मजबूती के साथ खड़ा नजर नहीं आता है। पहले से ज्यादा क्राइम रिकॉर्ड बढ़ते जा रहे हैं।

About The Author

Related posts

Leave a Reply