बिहार में कोरोना महामारी और भारी बारिश से आयी बाढ ने लोगों के जीवन को कष्ट प्रद बना दिया हैं।बाढ़ से लोगों के घर,फसल और मवेशी सभी तबाह हो चुका हैं।लोग भुख मरी और बिमारी से जुझ रहे हैं।खुले आशमान के चीने सोने से उन्हे कई विषैयले जानवरों के खाने का डर भी सताने लगा हैं।बाढ़ से बिहार में काफी जान माल का नुकसान हुआ हैं।ऐसी विकट स्थिति को देखते हुए बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने बाढ़ प्रभावित सीतामढ़ी, शिवहर और दरभंगा जिले के बाढ़ प्रभावित प्रखंडों के भाजपा अध्यक्षों और विधयकों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बाढ़ की स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि सरकार सभी बाढ़ प्रभावित परिवारों को छह-छह हजार रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा किया और साथी ही उन्होंने कहा कि पानी कम होते ही कृषि विभाग फसल के नुकासन का सर्वेक्षण करेगी और नुकसान की भरपाई के लिए कृषि इनपुट अनुदान के साथ ही मृत मवेशियों और कच्चे मकानों की क्षति के लिए भी राशि देने की ब्यवस्था करेगी।
बिहार सरकार के मुताबिक आंकलन के बाद यदि आवश्यकता होगी है तो वर्षा आधारित फसल क्षेत्र के लिए 6,800 रुपये और सुनिश्चित सिंचाई वाले क्षेत्रों के लिए 13,500 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से अधिकतम दो हेक्टेयर के लिए कृषि इनपुट अनुदान दिया जाएगा.
बाढ़ से प्रभावित मवेशियों के लिए भी मिलेगा अनुदान
इसके साथ ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कच्चे मकानों के क्षतिग्रस्त होने पर 95,100 और झोपड़ी के लिए 4,100 रुपये दिए जाएंगे. गाय, भैंस, बैल जैसे बड़े मवेशी के मरने पर 30 हजार और भेड़, बकरी आदि के लिए 3 हजार रुपये देने का प्रावधान किया गया है.
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बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य तेजी
सरकार का कहना है कि बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में सर्पदंश सहित अन्य दवाएं और पॉलीथिन शीट उपलब्ध कराए जा रहे हैं. इसका आवश्यकता अनुसार वितरण किया जा रहा है. राज्य सरकार के निर्देश पर दरभंगा सहित अन्य इलाकों में हेलीकाॅप्टर से फुड पैकेट का वितरण और बड़ी संख्या में सामुदायिक रसोई भी चलाए जा रहे हैं.