6 जून को भारत और चीनी कमांडरों के बीच आपसी बातचीत में समझौता हुआ कि दोनों देश की सेना पूर्वी लद्दाख जो वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) गलवान घाटी में पैट्रोलिंग पॉइंट नंबर- 14 से जहां चीनी सेना ने अतिक्रमण कर रखा था वापस चले जायेगे। इस बात का पता लगाने के लिए कर्नल संतोष बाबू गये तो देखा की चीनी सेना वहा तम्बू लगाये डटे हुए हैं।लेकिन समझौते में यह तय हुआ था कि दोनों देश की सेनाएं अपने- अपने स्थान पर वापिस चली जाएंगी।जब कर्नल संतोष बाबू वहा पहुंचे तो पीएलए के सैनिक उग्र हो गये और बेरहमी से संतोष बाबू और अन्य भारतीय सैनिकों के साथ बेरहमी से मार पीट करने लगे।भारतीय सैनिकों की तुलना में चीनी सैनिकों की संख्या 1:5 में थी फिर भी भारतीय सैनिको ने बहादुरी के साथ लड़ते हुए इस हमले में 20 जवान शहीद हो गये लेकिन भारतीय सैनिकों की संख्या कम होतो हुए भी भारतीय सैनिकों ने 43 चीनी सैनिकों को मार गिया। छह से सात घंटे तक गलवान नदी के पास चली झड़प के बारे में बात करते हुए भारतीय सेना के एक अधिकारी ने कहा, ‘हमारी संख्या कम थी
और भी पढ़े:लद्दाख बार्डर पर भारत-चीन के बीच हिंसक झड़प,एक अधिकारी और दो जवान शहीद
कंटीले तारों और पत्थरों से हमला
भारतीय सेना ने कहा कि भारतीय सैनिक उस स्थान पर गए थे, जहां तनाव हुआ था। भारतीय जवान वहां बिना किसी दुश्मनी के चीनी पक्ष के साथ मैत्रीपूर्ण व्यवहार के साथ केवल यह जांचने के लिए गए थे कि क्या वे वादे के अनुसार डी-एस्केलेशन समझौते का पालन कर रहे हैं या नहीं। भारतीय सेना के अधिकारी ने बताया, ‘लेकिन वे फंस गए और उन पर पूरी तरह बर्बर हमला किया गया। उन्होंने भारतीय सैनिकों पर हमला करने के लिए सभी तरह के कंटीले तारों और पत्थरों का इस्तेमाल किया।’
बढ़ सकती है शहीद सैनिकों की संख्या
सरकारी सूत्रों ने कहा कि भारतीय सेना के कई जवान गंभीर रूप से घायल हैं और उनका इलाज चल रहा है। सूत्रों ने कहा कि शहीद होने वाले भारतीय जवानों की संख्या में और इजाफा हो सकता है क्योंकि गंभीर रूप से घायल सैनिकों की संख्या 10 से अधिक है। हालांकि, भारतीय सेना के अधिकारी ने संख्या बताने से इनकार कर दिया और सिर्फ इतना कहा कि कई जवान घायल हैं।
कई सैनिक गंभीर रूप से घायल
सरकारी सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को भारतीय हेलिकॉप्टरों ने गलवान घाटी में हमले के स्थल से जवानों के पार्थिव शरीर और घायल भारतीय जवानों को लाने के लिए करीब 16 बार उड़ान भरी। भारतीय सेना के जवानों के चार शव बुधवार सुबह गलवान घाटी से लेह लाए गए। भारतीय सेना ने मंगलवार को कहा था कि भारतीय सेना के 20 जवान (जिनमें अधिकारी भी शामिल हैं) सोमवार की रात गलवान घाटी में पीएलए के सैनिकों के साथ एक अभूतपूर्व हिंसक झड़प में शहीद हो गए हैं। सेना ने यह भी कहा कि शहीद होने वालों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि कई सैनिक गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।