भारतीय मुल की ब्रिटीश नागरिक भाषा मुखर्जी माँलड और 2019 मिस इंग्लैंड रह चुकी हैं जिन्होंने इंग्लैंड में कोरोना वायरस संक्रमित लोगों की मदद के लिए आगे आयी हैं।पेशे डांक्टर और श्वसन तंत्र से जुड़ी बीमारियों की एक्सपर्ट भाषा मुखर्जी ने फिर से प्रैक्टिस शुरू कर दी है. भाषा पहले भी इंग्लैंड (England) के एक अस्पताल में प्रैक्टिस कर रहीं थी और इंग्लैंड में कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनज़र उन्होंने फिर से उसी हॉस्पिटल में प्रैक्टिस शुरू कर दी है.
उन्होंने बताय कि अभी देश को माँडल नहीं डाँक्टर की जरुरत हैं इस लिए संकट की इस घड़ी में मांडलिंग करियर से ब्रेक लेकर कोरोना महामारी से निपटने के लिए डाँक्टर के रुप में काम करने का फैसला लिया हैं।
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भाषा सिर्फ नौ साल की उम्र में ही भारत से अपने माता-पिता के साथ इंग्लैंड आ गयीं थीं. भाषा मुखर्जी साल 2019 में मिस इंग्लैंड चुनी गयीं. उनका मानना है कि बेशक वो मिस इंग्लैंड के तौर पर इंसानियत के लिए ही काम कर रही थीं. लेकिन जब दुनिया भर में लोग कोरोना वायरस से मर रहे हैं और उनके डॉक्टर साथी इतनी मेहनत कर रहे हैं, उनका ताज पहन कर घूमना शायद सही नहीं होगा. इसलिए अब वह महत्वाकांक्षाओं को पीछे रखकर डॉक्टर होने का फर्ज निभा रही है.