राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के बीच मचा राजनीति उथल -पुथल के चलते केंद्री नेतृत्व ने आज मंगलवार को राजस्थान एनएसयूआई के पद पर एक बड़ी न्यूक्ति करते हुए अभिषेक चौधरी को इसका अध्यक्ष न्यूक्त किया हैं।अभिषेक चौधरी पद भार संभालते ही कोरोना महामारी में छात्र हितों को हुए नुकसान को लेकर 200 छात्रों के साथ दिल्ली स्थिति मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सामने जबरदस्त आंदोलन किया लेकिन दिल्ली पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों ने बैरिकेट्स लगाकर शास्त्री भवन के मुख्य गेट से पहले ही रोक दिया।इस आंदोलन का समर्थन करने के लिए एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन भी मौजूद रहे हैं।
इन मांगों के लिए किया आंदोलन
कोरोना महामारी के दौरान देश में 3 महिने लाँकडाउन चला जिसके कारण सभी आर्थिक गतिविधिया बंद कर दी गई और लोग बेरोजगार की स्तिथि में आ गये इस बेरोजगारी ने छात्रों के अभिभावकों को भी प्रभावित किया।जिसके कारण अभिभावकों अपने बच्चों की फीस और उनके लिए पाठय पुस्तक खरीदना मुश्किल हो गया।छात्रों के पास फीस का अभाव होने के कारण अन्य विश्वविद्यालयों में प्रवेश लेना उनके लिए संभव नहीं हो रहा हैं।छात्रों के इन हितों को ध्यान में रखते हुए राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक चौधरी ने कहा कि इस सूरते हाल में अभिभावक छात्रों की फीस का बोझ उठाने में सक्षम नहीं है. इसी को ध्यान में रखते हुए सभी छात्रों की कम से कम एक सेमेस्टर की फीस माफ की जानी चाहिए. इसके साथ ही फर्स्ट ईयर और सेकंड ईयर के स्टूडेंट्स को जिस तरह से बिना परीक्षा करवाए प्रमोट किया गया है उसी तरीके से फाइनल ईयर के छात्रों को भी बिना परीक्षा करवाए डिग्री के लिए प्रमोट किया जाना चाहिए।
इसके अलावा चौधरी ने कहा कि कोरना के बाद ना तो प्रदेश की सरकारें और ना ही यूजीसी परीक्षाएं करवाने की स्थिति में है, ऐसे हालात में परीक्षाएं करवाना छात्रों के जीवन से खिलवाड़ करने जैसा है.
2019 में छात्र हितों के लिए पहले भी दिल्ली में कर चुके हैं आंदोलन
राजस्थान प्रदेश एनएसयूआई की बागडोर संभालने से पहले अभिषेक चौधरी संगठन के लिए दिल्ली में लंबे समय तक काम कर चुके हैं. उन्होंने 2019 में छात्र हितों की मांगों को लेकर दिल्ली मेट्रो रेल रोकने को लेकर सुर्खियां बटोरी थी. जबकि वह प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद भी पहला बड़ा प्रदर्शन करने दिल्ली ही पहुंचे हैं.