सुप्रीम कोर्ट ने विकास दुबे एनकाउंटर व कानपुर बिकरु गांव में हुई घटना की जांच के लिए किया जांच आयोग का गठन

Supreme Court constitutes inquiry commission to investigate the incident in Vikas Dubey encounter and Kanpur Bikaru village

कानपुर में शुटआउट कर यूपी पुलिस से 8 जवानों को मौत के घाट उतार कर फरार हुआ गैंगस्टर विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के महाकाल के मंदिर परिसर से गिफ्तार किया गया।गिरफ्तारी की सूचना पर यूपी पुलिस गैंगस्टर विकास दुबे को लेने के लिए उज्जैन रवाना हुई उज्जैन पहुंचने के बाद उज्जैन पुलिस ने विकास दुबे को यूपी पुलिस को हैंडओवर कर दिया।यूपी पुलिस विकास दुबे को लेकर सड़क के रास्ते कानपुर के लिए रवाना हुई।10 जुलाई को जैसे ही यूपी पुलिस उसे लेकर कानपुर की सीमा में पहुंची तो सुबह 6 बजे विकास दुबे को शाजिस के तहत एनकाउंटर कर मौत के घाट उतार दिया गया।

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इस घटना की न्यायिक जांच कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक जांच आयोग का गठन किया।इस जांच आयोग में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बीएस चौहान और रिटायर्ड डीजीपी केएल गुप्ता को जांच समिति का सद्स्य बनाया गया हैं।जस्टिस बीएस चौहान को इस जांच आयोग का अध्यक्ष बनाया गया हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस जांच समिति को दो महीने में इंक्वायरी पूरी करने का आदेश भी दिया है।

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2 महीने में जांच पूरी करने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा है कि वह इस मामले से जुड़ी जांच को अगले 1 हफ्ते में शुरू करें और आने वाले 2 महीनों में इसे पूरा कर लिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान यूपी सरकार से ये भी कहा कि वह ये सुनिश्चित करे कि इस तरह की कोई भी घटना भविष्य में ना हो। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता यूपी सरकार की पैरवी कर रहे थे, जिन्होंने सरकार के हलफनामे को अदालत में पेश किया।

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