बिहार के दरभंगा जिला के सबसे बड़े हॉस्पिटल डीएमसीएच में पिछले 30 दिनों में लगभग 50 बच्चे की मौत हो गई। और यह आंकड़ा काफी खराब रहा।
यह बिहार सरकार के उन दावों की पोल खोलती है जिसमें सरकार कहती है कि सूबे में स्वास्थ्य व्यवस्था पहले से बेहतर है। एक सबूत भी है कि नीतीश कुमार के शासनकाल में स्वास्थ व्यवस्था की बदहाली का है। हालांकि नीतीश कुमार इससे पहले बहुत बड़े बड़े दावे करते रहे हैं कि बिहार के स्वास्थ्य व्वयस्था वर्ल्ड लेवल की है। पर तक लगातार हो रहे बच्चों की मौत पर सवाल खड़े हो रहे हैं तो बिहार सरकार भी हाथ खरी करते रहे।
1 जून से लेकर 30 जून तक लगभग 30 दिनों में 50 बच्चों की मौत हो चुकी है। यह आंकड़ा काफी डरावनी है। जब मामले का पता चला और अस्पताल अधीक्षक से इस मामले में जवाब मांगा गया। तब उन्होंने शिशू विभागाध्यक्ष को इस सारे मामले पर एक रिपोर्ट देने को कहा।
हालांकि इससे पहले भी बच्चों की मौत होती थी पर मौत का आंकड़ा 40 या उसे नीचा ही रहता था। पर इस महीने अचानक यह आकँड़ा सबसे ऊंची का स्तर पर पहुंच गया है। जो कि अपने आप में एक परेशान करने वाली बात है। अस्पताल अधीक्षक ने इस पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि यह काफी सोचने की बात है। इससे पहले भी दरभंगा के डीएमसीएच हॉस्पिटल अपने जर्जर इमारतों के लिए काफी सुर्खियां बटोर चुकी है। तथा अपने गंदगी भरे वातावरण के लिए भी काफी चर्चा में रही है।