सड़क मार्ग से गैंगस्टर विकास दुबे को लेकर रवाना हुई यूपी पुलिस,उज्जैन पुलिस से मिला हैंडओवर

UP: 8 policemen of Kanpur Police, Vikas Dubey likely to surrender in Delhi court, 2 teams of UP police deployed

उत्तर प्रदेश के कानपुर में पुलिस के 8 जवानों की हत्या करने वाला गैंगस्टर विकास दुबे को मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले के महाकाल परिसर से गिरफ्तार कर पुलिस हिरासत में लिया गया हैं।अब यूपी पुलिस उसे लेकर सड़क मार्ग से रवाना हो गई हैं।उज्जैन पुलिस ने उसे हैंडओवर किया।

कानपुर गोलीकांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे ने बताया कि उसको छापेमारी की जानकारी पुलिस के सूत्रों से ही मिली थी. पुलिस के लोग उसके सम्पर्क में थे. इतना ही नहीं, सूत्रों के मुताबिक विकास दुबे को पुलिस रेड के बारे मे काफी पहले से ही जानकारी थी. लिहाज़ा उसने अपने साथियों को बुला लिया था. विकास दुबे ने अपने सभी साथियों से कुछ खतरा होने और हथियार लेकर आने को भी कहा था.

गैंगस्टर विकास दुबे का कहना है कि आमतौर पर उसके साथी वैसे भी हथियार लेकर ही आसपास जाते थे, लेकिन घटना के एक दिन पहले ही उसने लोगों को बोल दिया था कि हथियार लेकर आएं. विकास दुबे ने पुलिस के लूटे हुए हथियारों के बारे में भी जानकारी दी है. पुलिस विकास दुबे को रिमांड पर लेकर कानपुर सबूत ढूंढने जाएगी.

गैंगस्टर विकास दुबे का इरादा बेहद खतरनाक था. हालांकि घटना के बाद विकास दुबे डर गया था. उसका दावा है कि गोलियां चलाने के बाद उसे लगा था कि अब वो बुरी तरह फंस गया है.

आपको बता दें कि गुरुवार को मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर के साथ से गैंगस्टर विकास दुबे को गिरफ्तार किया गया था. कानपुर में 8 पुलिस कर्मियों की हत्या मामले में मुख्य आरोपी विकास दुबे के सिर पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने 5 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था.

पुलिसकर्मियों की लाशों को जलाना चाहता था विकास दुबे

विकास दुबे ने अपने कुबूल किया कि घटना के बाद घर के ठीक बगल में कुएं के पास पांच पुलिसवालों की लाशों को एक के ऊपर एक रखा गया था, ताकि उनमें आग लगाकर सबूत नष्ट कर दिए जाएं. आग लगाने के लिए घर में गैलनों में तेल रखा गया था. 50 लीटर गैलन के तेल से पुलिसकर्मियों के शव को जलाने का इरादा था, लेकिन लाशें इकट्टठा करने के बाद उसे मौका नहीं मिला था और फिर वह फरार हो गया था.

पुलिस पूछताछ में विकास दुबे ने बताया कि उसने अपने सभी साथियों को अलग-अलग भागने के लिए कहा था. गांव से निकलते वक्त ज्यादातर साथी जिधर समझ में आया, उसी ओर भाग गए.

सुबह छापेमारी की थी जानकारी, पर पुलिस रात में ही पहुंच गई

विकास दुबे ने बताया कि हम लोगों को सूचना थी कि पुलिस सुबह आएगी, लेकिन पुलिस रात में ही रेड करने आ गई. हमने खाना भी नहीं खाया था, जबकि सबके लिए खाना बन चुका था.

घटना के अगले दिन मारा गया विकास का मामा जेसीबी मशीन का इंचार्ज था, लेकिन वो जेसीबी नहीं चला रहा था. रात मे राजू नाम के एक साथी ने जेसीबी मशीन को बीच सड़क मे पार्क किया था. विकास के मामा को अगले दिन पुलिस ने एनकाउंटर में मार दिया था.

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