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घटना के एक दिन बाद 23 जनवरी को महिला के बयान पर सदर थाने में मारपीट व छिनतई की प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इसमें छेड़खानी का जिक्र नहीं था। दारोगा हरेराम पासवान को जांचकर्ता बनाया गया था। लेकिन, तीन दिनों से बीमार होने की वजह से वे इस केस में आगे कार्रवाई नहीं कर सके। इसे लेकर लोग आक्रोशित थे। प्रभारी थानाध्यक्ष ने कहा कि पहले मारपीट की बात कही थी। छेड़खानी की बात उस समय नहीं बताई गई थी।