सात दुष्कर्मियों को निचली अदाल ने सुनाई मौत की सजा,लेकिन मामला सुप्रीम कोर्ट में

 बिहार के भागलपुर जिले में  दुष्कर्म को अंजाम देने वाले सात दरिंदों को जिला अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है।  ये सभी अभियुक्त शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय कारागाह भागलपुर में बंद हैं।

लेकिन मामला अपीली होने के कारण ईनकी गर्दन फांसी से बचा हुई है। क्योंकि इनका मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में 23 फरवरी 2017 को फांसी की सजा पाने वाले सबौर निवासी मुन्ना पांडेय का मामला सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है। पांच अभियुक्तों  ने भी पटना उच्च न्यायालय में अपील कर रखी है।

इन्हे दी गई है सजा:

मुन्ना पांडेय  23 फरवरी 2017 को दुष्कर्म एवं हत्या मामले में सजा और  पॉक्सो एक्ट भी लगा है।

मनीष मंडल  07 मई 2016 को अपहरण, अप्राकृतिक यौनाचार व हत्या मामले में दी गई है सजा।

ध्रुव सहनी 15 नवंबर 2017 को दुष्कर्म एवं हत्या मामले में सजा।

सोनू कुमार15 फरवरी 2018 को दुष्कर्म एवं हत्या मामले में सजा।

प्रशांत कुमार मेहता  15 फरवरी 2018 को दुष्कर्म एवं हत्या मामले में सजा।

जियाउद्दीन उर्फ धन्नू 8 मई 2019 को अपहरण, दुष्कर्म व हत्या मामले में सजा। पॉक्सो एक्ट भी लगा है।


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