शनिवार को केंद्रीय खाद एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के मंत्री श्री राम विलास पासवान जी बिहार से राज्य सभा के सदस्य बनाकर भेजे गए।
शनिवार को वह पटना, बिहार विधानसभा में अपना प्रमाण पत्र लेने आए थे। इस दौरान उन्होंने एक प्रेस वार्ता किया।
इससे पहले बता दूं कि रामविलास पासवान एक ऐसे मंत्री हैं, जो लगातार 30 वर्षों से केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हैं। इनके बारे में ऐसा कहा जाता है कि सरकार किसी की भी हो पर मंत्री रामविलास पासवान ही रहेंगे। क्योंकि यह हवा के रुख को भापँ लेते हैं और उसके हिसाब से अपना गठबंधन करते हैं।
1999 में जब अटल बिहारी वाजपेई की सरकार थी। उसमें मंत्री थे। और 2004 से लेकर 2014 तक की सरकार थी उसमें भी मंत्री रहे। 2014 में जब चुनाव की हवा यूपीए सरकार से NDA की तरफ जाने लगी। तब लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष रामविलास पासवान अपना पल्ला यूपीए से बदलकर NDA की तरफ कर लिया और इसका नतीजा यह हुआ कि इनको बिहार के कोटे से मंत्री पद दिया गया। उसके बाद 2019 में मिली बहुमत के बाद लोजपा कोटे से रामविलास पासवान को फिर से वही मंत्रालय दिया गया। खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग।
इसी वर्ष लोक जनशक्ति पार्टी का राज्य सभा में एक बार फिर से खाता खुल गया। क्योंकि बिहार के कोटे से रामविलास पासवान को राज्यसभा सदस्य नियुक्त किया गया है। NDA की तरफ से। यह रामविलास पासवान की राजनीति का एक सफलता है। पर इस सबसे पड़े एक सबसे बड़ी भावना होती है इंसानियत की।
जब वह अपने जीत की खुशी में मगरूर थे।अपना प्रमाण पत्र लेने बिहार विधानसभा परिसर में आए थे। उनसे जब पूछा गया कि बिहार के मुजफ्फरपुर में AES कारण गीई बच्चों की जान के बारे आप क्या कहना चाहेंगे? उन्होंने एकदम से मना कर दिया। मुझे उससे कुछ मतलब नहीं। ऐसा एक केंद्र सरकार का मंत्री बोल रहा था जो कि बिहार से है। भविष्य में ऐसे नेताओं के रहते भारत का भविष्य कैसा होगा एक सोचने की बात है?