बिहार में शराबबंदी को लगभग 4 साल पूरे हो चुके हैं। पर फिर भी शराबबंदी पूरी तरह से इंप्लीमेंटेड नहीं हुआ है। इसका एक यह भी वजह है कि शराब के प्रति लोगों की नशा।
लोग इतने ज्यादा इश्क, इतने ज्यादा इसके शौकीन हो चुके हैं कि वह शराब छोड़ना चाहता ही नहीं। पर सरकार ने भी यह ठान ली है कि हम किसी भी कीमत पर बिहार वासियों को शराब नहीं पीने देंगे। चाहे उसके लिए कोई भी कानून क्यों ना लागू करना पड़े। नीतीश कुमार शराबबंदी को लेकर एक से एक के कार्य एवं एक से एक कानून लागू किए। शराबबंदी में लिपटे पाए जाने वाले कितने सारे ऑफिशर का छुट्टी कर दिया गया है।ताकि बिहार एक शराब मुक्त राज्य बन सके।
इसी कदम को एक बार फिर से बढ़िया से लागू करते हुए नीतीश कुमार ने यह कानून बनाने की योजना लाई है कि अगर बाहर किसी भी देश या राज्य से कोई व्यक्ति शराब पीकर बिहार में आना चाहे तो पुलिस उसको ले जाकर हिरासत में रखेगी। तथा शराब के नशा खत्म होने पर ही उसे बाहर जाने की अनुमति होगी। इससे पहले ऐसा नहीं था। पहले बिहार में शराब मिलता नहीं था। शराब बिकती नहीं थी। पर पीकर बाहर से आने वालों पर ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं था।
शराबबंदी की योजना जब से बनी तब से लेकर अभी तक ऐसा कोई भी शराबी नहीं है जो शराब ना पिया हो। पहले शराब ठेका की दुकानों में मिला करती थी। अभी होम डिलीवरी होती है। जब इसकी खबर बिहार सरकार को लगी तब से वे इस पर और ज्यादा सुधार कार्य करते हुए इसका फैसला ले रही है।
सीएम नीतीश कुमार की इस योजना के अनुसार अगर कोई बाहर देश का भी व्यक्ति शराब पीकर बिहार में भ्रमण करना चाहे तो उसकी भी अनुमति बिहार सरकार उसको नहीं देगी। बिहार वासियों को तो खैर शराबी से होने से पूरी तरह मना कर ही दिया गया है।