झारखंड में के आपदा प्रबंधन विभाग ने बनाया एक ऐसा सॉफ्टवेयर जो ब्रजपात को पहले ही गेस कर सकता है।
अकसर बरसात के मौसम में ठनका का गिरना आम बात होता है। और यह लगभग हर जगह गिरता है। इस वजह से इसके रोकथाम के लिए काफी सारे उपाय किए जाते रहे हैं। पर फिर भी सुदूर इलाको में जहां बचाव की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं होती है वहां ठनका गिर ही जाते हैं। और इसके चपेट में कई सारे मानव जाति के लोग तथा बेजुबान पशु भी आ जाते हैं। ठनका के कारण गांव के ही लोगों की जान सबसे ज्यादा जाती है। क्योंकि उन्हें पहले से पता नहीं होता है ठनका कब और कहां गिरेगी।
लोग अपने खेत में काम कर रहे होते हैं और ठनका के कारण एक साथ कई सारे लोगों की मौत हो जाती है। पर शहरों में ऐसी घटना बहुत ही कम देखने को मिलती है। क्योंकि लगभग हर शहरों में इस तरह की व्यवस्था की गई है कि ठनका खुले धरातल पर ना गिरे।
इस ठनका के कारण झारखंड में हर साल बहुत सारे लोगों की मौत हो जाती है। इसके बचाव के लिए एक कदम बढ़ाते हुए झारखंड के आपदा प्रबंधन विभाग ने एक ऐसा सॉफ्टवेयर बनाया है। एक ऐसा सॉफ्टवेयर विकसित किया है जिसका इस्तेमाल करके हमें पहले पता चल सकता है कि ठनका कब और कहां गिरने वाली है।
झारखंड आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार यह सॉफ्टवेयर राज्य में कहीं भी ठनका गिरने के 45 मिनट से एक घंटा पहले बता देगा कि ठनका कब और कहां गिरने वाली है। तथा वह नजदीकी मोबाइल टावरों से सिग्नल कनेक्ट करके वहां आसपास के सारे निवासियों को इस बात की जानकारी भी दे देगा की ठनका कब और कहां गिरेगी।।।