कोरोना महामारी की चपेट में आज पूरी दुनिया हैं।सभी देश इस महामारी से ग्रसित हैं पुरी दुनिया इस समय कोरोना की लड़ाई लड़ रही है युरोप से लेकरअमेरिका सभी देश इस महामारी की चपेट में बुरी तरह से फंस चुके हैं वहा रोज 1000 से लेकर 2000 तक नागरीक इस वायरस से मर रहे हैं.भारत भी इस महामारी की चपेट में आ चुका हैं यह अभी कोरोना संक्रमितों की वास्तविक सख्या ठीक -ठीक पता करना अभी जल्दी बाजी होगी।अभी भारत में कुल संक्रमित संख्या 21000 तक पहुंच चुकी है।पुरी दुनिया में 7 लाख 80 हजार लोग कोरोना से संक्रमित हैं।
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इस प्रकोप से बचने के लिए WHO ने लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग अपनाने के लिए कह रहा हैं।कई देश इस इस प्रकोप से बचने के लिए लाँक डाउन ले रखे हैं।वही लोगों से अपील कर रहे हैंकि वह इस संक्रमण से बचने के लिए अपने हाथों को बार बार हैंडवॉश या सैनिटाइजर से साफ करें. मुंह पर मास्क पहनें. अपने हाथों से मुंह, आंख और नाक को छुने से बचें. कोरोना संक्रमण मुंह से निकलने वाले ड्रॉप्लेट्स से फैल रहा है जो कि एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक इन ड्रॉप्लेट्स के जरिए पहुंच रहा है. कोरोना का सबसे अधिक असर फेफड़ों पर हो रहा है. वहीं WHO का कहना है कि शराब और सिगरेट पीने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. ये स्मोकिंग छोड़ने का सबसे सही समय है. संगठन ने सिगरेट पीने वालों के लिए चेतावनी जारी की है कि जब तक कोरोना वायरस को काबू नहीं कर लिया जाता है, तब तक स्मोकिंग और तंबाकू सेवन की आदत छोड़ देनी चाहिए. वहीं, यूरोपियन सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की रिपोर्ट के अनुसार, धूम्रपान करने वालों का शरीर अतिसंवेदनशील बन जाता है.
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वे गंभीर बीमारियों से नहीं लड़ नहीं पाते हैं. सेंटर की रिपोर्ट के अनुसार, स्मोकिंग करने वालों को संक्रमण जल्दी होता है और रिकवरी की उम्मीद स्वस्थ लोगों के मुकाबले कम रहती है. स्मोकिंग फेफड़ों पर बुरा असर डालती है. आपको बता दें कि यह वायरस फेफड़ों तक पहुंचकर ही सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है. इसका सीधा मतलब है कि अगर फेफड़े मजबूत नहीं हैं तो वायरस ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है. डब्ल्यूएचओ का कहना है कि सिगरेट पीने वालों (Smokers) के संक्रमण की गिरफ्त में आने की आशंका भी काफी ज्यादा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना वायरस के बारे में कहा है कि स्मोकिंग करने वालों को संक्रमण का सबसे अधिक खतरा है